Pinky Haryan: मैक्लोडगंज में बौद्ध भिक्षु ने भीख मांग रही बच्ची की बदली किस्मत, चीन भेज कर बनाया...

punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 11:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश धर्मशाला के पास मैक्लोडगंज में करीब 20 साल पहले सड़कों पर भीख मांगने और कूड़े के ढेर से खाना ढूंढने वाली एक बच्ची आज डॉक्टर बन चुकी है। यह चमत्कारिक बदलाव एक बौद्ध भिक्षु की मदद से संभव हो पाया, जिन्होंने उस बच्ची को शिक्षा दिलाकर उसका भविष्य संवार दिया। इस बच्ची का नाम पिंकी हरयान है, जिसने हाल ही में चीन से MBBS की पढ़ाई पूरी की है।

संघर्षों से भरा बचपन
पिंकी का बचपन अत्यंत कठिनाइयों से भरा था। उनका परिवार झुग्गी-झोपड़ी में रहता था, और गरीबी के चलते उन्हें और उनके माता-पिता को भीख मांगकर या कूड़े के ढेर से भोजन तलाशकर जीवन गुजारना पड़ता था। पिंकी ने बताया कि जब वह महज 4-5 साल की थीं, तब 2004 में तिब्बती भिक्षु लोबसांग जाम्यांग की नजर उन पर पड़ी। उस समय पिंकी और उनका परिवार एक बेहद कठिन दौर से गुजर रहा था। पिंकी को भीख मांगते देखा और उसकी मासूमियत से प्रभावित होकर उसके पिता कश्मीरी लाल से मुलाकात की। जाम्यांग ने पिंकी को स्कूल में दाखिला दिलाने का सुझाव दिया, लेकिन पिंकी के पिता ने अपनी आर्थिक स्थिति के चलते असमर्थता जताई।

बौद्ध भिक्षु ने बदल दी जिंदगी
लोबसांग जाम्यांग ने पिंकी के संघर्षों को देखा और उनके पिता से मिलकर उन्हें शिक्षा दिलाने की पेशकश की। पिंकी के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, लेकिन लोबसांग ने टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। पिंकी को धर्मशाला के दयानंद पब्लिक स्कूल में दाखिला दिलवाया गया, जहां से उन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत की।

MBBS की डिग्री तक का सफर
पिंकी ने अपनी पढ़ाई में बेहद मेहनत की और 12वीं के बाद NEET परीक्षा पास की। हालांकि, मेडिकल कॉलेज की फीस जुटाना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट की यूके शाखा ने फिर से पिंकी की मदद की और उन्हें 2018 में चीन के एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलवाया। पिंकी ने वहां से MBBS की डिग्री प्राप्त की और अब वह धर्मशाला लौट आई हैं।

आदर्श बनीं पिंकी
आज पिंकी हरयान हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए एक आदर्श बन चुकी हैं। फिलहाल वह भारत में डॉक्टरी की प्रैक्टिस के लिए FMGE (विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा) की तैयारी कर रही हैं। उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा ने यह साबित किया है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, अगर किसी को सही दिशा और अवसर मिले तो वह अपना भविष्य खुद बना सकता है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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