डिंपल यादव पर टिप्पणी करने पर बुरे फंसे मौलाना साजिद रशीदी, संसद तक पहुंचा विवाद
punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 12:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मौलाना साजिद रशीदी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
संसद में गूंजा मौलाना का बयान
मौलाना साजिद रशीदी की इस टिप्पणी का मुद्दा देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद तक पहुंच चुका है। भाजपा और एनडीए के अन्य घटक दलों के नेताओं ने सोमवार, 28 जुलाई 2025 को संसद परिसर में इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ने मौलाना साजिद रशीदी के बयान को महिलाओं और डिंपल यादव का अपमान बताया है।
मौलाना अपने बयान पर कायम
दूसरी ओर मौलाना रशीदी अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने किसी भी तरह के आपत्तिजनक बयान से इनकार किया है। उन्होंने कहा, "मैंने कोई ऐसा आपत्तिजनक बयान नहीं दिया। जो लोग सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ से वाकिफ हैं और जानते हैं कि अगर लड़की के सर से पल्लू हट भी जाता है तो उन्हें डांटा जाता है और कहा जाता है कि नंगी घूम रही है क्या? हमारे समाज का मसला है।"
उन्होंने आगे कहा, "आपने देखा होगा पास में इकरा हसन बैठी हुई थीं, वे क्यों सर ढके हुए थीं? डिंपल यादव साफ करें कि मंदिर ऐसे ही जाती हैं क्या?" मौलाना ने यह टिप्पणी तब की, जब डिंपल यादव संसद भवन के पास स्थित एक मस्जिद में गई थीं और उस वक्त उन्होंने कथित तौर पर अपने सिर पर पल्लू नहीं रखा था।
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'मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया'
मौलाना साजिद रशीदी ने अपनी बात दोहराते हुए कहा, "मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया। एफआईआर हो गई... उसकी समीक्षा होगी। आप मस्जिद की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं। डिंपल यादव से पूछें कि वे मंदिर पल्लू लेकर जाती हैं या नहीं। अगर वे इस हालत में मंदिर जाती हैं तो मस्जिद में इस तरह से कैसे बैठी हैं। वे बता दें कि वे ऐसे ही मंदिर जाती हैं तो मैं माफी मांग लूंगा।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें समाजवादी नेताओं की तरफ से फोन आ रहे हैं और उन्हें मां-बहन की गालियां दी जा रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या यह मर्यादित है? आप मुझे बताइए कि उन्हें अहसास नहीं हुआ कि इकरा हसन जा रही हैं तो कैसे जा रही हैं। ये सोच रहे थे कि हम पार्टी के सुप्रीमो हैं और ये दोनों हमारे गुलाम हैं।"