आईएसआई मसूद को कब तक छिपाएगी

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2016 - 02:29 PM (IST)

पुख्ता सूचना मिली है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड और जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को सुरक्षित स्थान पर छिपा दिया है। माना जा रहा है कि उसने यह भारतीय खुफिया एजेंसियों से उसे बचाने के लिए यह चाल चली है। कुछ दिन पूर्व इंटरपोल ने मसूद, उसके भाई अब्दुल रऊफ, कासिफ जान और शाहिद लतीफ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। उनकी गिरफ्तारी के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने से पहले ही आईएसआई ने यह कदम उठा लिया है। जब भारत ने दावा किया कि मसूद की साजिश पर ही पठानकोट में हमला किया गया था, पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान ने सफाई दी थी कि मसूद तो हिरासत में है। लेकिन यह पोल खुल गई है कि पाक पुलिस ने मसूद को कभी गिरफ्तार किया ही नहीं।

पाकिस्तान की यह कार्रवाई उसकी नीयत में खोट को दिखाती है। वह बेबुनियाद दावों को लेकर बार-बार संयुक्त राष्ट्र पहुंच जाता है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता है। सूचना यह भी आ रही है कि पाकिस्तान ने इन लोगों को बहावलपुर के मौजगढ़ किले के पास कहीं भूमिगत कर दिया है। अब वह इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि ये आतंकी पाकिस्तान में नहीं हैं। सोशल मीडिया पर इसकी जोर शोर से चर्चा हो रही है। यह जरूर है कि इन्हें सुरक्षित छिपाए जाने की जो अटकलें मीडिया द्वारा लगाई जा रही हैं उनसे बचने के लिए पाक सरकार इन लोगों को सुरक्षित देश से बाहर निकालने का इंतजाम भी करा दे।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के अधिकारी पठानकोट हमले के बाद यहां का दौरा कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने आईएनए को पाकिस्तान आने की अनुमति नहीं दी है। वैसे भी इस समय पाकिस्तान खिन्न है क्योंकि अमरीका ने उसे 30 करोड़ डॉलर (दो हजार करोड़ रुपए) की सैन्य सहायता देने पर रोक लगा दी है। उसके एक बिल को मंजूरी दी गई। दरअसल, पाकिस्तान घिरता जा रहा है। अमरीका ने साफ—साफ कह दिया है कि यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक यह प्रमाणित न हो जाए कि हक्कानी नेटवर्क के खात्मे के लिए इस्लामाबाद ने कठोर कदम उठाए हैं। यह प्रमाण अमरीका के रक्षा मंत्री कांग्रेस के सामने देना है।

अब तक पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे करता रहा है। इसकी सच्चाई सामने आती जा रही है। इंटरपोल मसूद के लिए और अमरीका हक्कानी के लिए दबाव बनाएंगे। उसे यह भी शंका है कि कहीं भारतीय खुफिया एजेंसियां मसूद को पकड़ने के लिए न आ जाएं। हालांकि पाक टीवी पर मसूद के बयान दिखाए जाते हैं, लेकिन पिछले डेढ़ दशक से छिपा कर रखा गया है। वह कभी कभार ही सार्वजनिक तौर पर सामने आया है। आईएसआई उसे कब तक छिपा कर रखेगी। यही नहीं, अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने से लश्कर-ए-तैयबा का नेटवर्क सुस्त पड़ने लगा है। आईएसआई ही है जो मसूद की टीम का सहारा बनेगी।

भारतीय खुफिया एजेंसियां जानती हैं कि अजहर के मंसूबे ज्यादा खतरनाक हैं। संभव है कि भारत मुंबई हमले के मास्टर माइंड हफीज सईद नहीं, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर पर अपनी बातचीत केंद्रित करे। पाकिस्तान इससे बचने के लिए नए बहाने ढूंढने लगेगा।

 

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