मराठा आंदोलन पर हाईकोर्ट सख्त, पुलिस ने शुरू की कार्रवाई; जरांगे ने कहा- 5000 लोग ही रुकेंगे

punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 02:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद पुलिस ने मंगलवार दोपहर तक आजाद मैदान खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अब आंदोलन स्थल पर सिर्फ 5000 प्रदर्शनकारी ही रुकेंगे और बाकी लोग मुंबई से बाहर जाएंगे। पुलिस की कार्रवाई के बीच मनोज जरांगे ने अपने समर्थकों से अपील की कि जो लोग गाड़ियों से मुंबई आए हैं वे अब लौट जाएं और केवल निर्धारित संख्या में लोग आंदोलन स्थल पर मौजूद रहें। उन्होंने दोहराया कि वे मुंबई तभी छोड़ेंगे जब सरकार उनकी मांगे मानेगी। उन्होंने कहा, "हम अपनी जान दे देंगे लेकिन मुंबई नहीं छोड़ेंगे, आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।"

पुलिस की कार्रवाई और हाईकोर्ट का निर्देश

दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि आजाद मैदान में हो रहा मराठा आरक्षण आंदोलन कई नियमों का उल्लंघन कर रहा है। कोर्ट ने यह भी बताया कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण नहीं रहा। पुलिस ने सिर्फ 5000 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दी थी, लेकिन मैदान में 35,000 से ज्यादा लोग पहुंच गए, जिससे सीएसटीएम, मरीन ड्राइव और पी. डी’मेलो रोड जैसी जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। इन सब कारणों की वजह से कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि मंगलवार दोपहर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली कराया जाए। उधर, मनोज जरांगे पाटिल के समर्थकों ने कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। आंदोलन के आयोजक वीरेंद्र पवार ने बताया कि उनके वकील सतीश मानेशिंदे अदालत में आंदोलनकारियों की तरफ से दलील रखेंगे। उनका कहना है कि आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा था और उन्होंने प्रदर्शन की अनुमति बढ़वाने की कोशिश भी की थी, लेकिन पुलिस ने इसे मंजूरी नहीं दी।

पुलिस का रुख सख्त लेकिन अपील भी जारी

मुंबई पुलिस का कहना है कि उन्होंने मनोज जरांगे पाटिल को पहले ही नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस दे दिया था। पुलिस की ओर से आंदोलनकारियों से बार-बार अपील की गई है कि वे शांतिपूर्वक आजाद मैदान खाली कर दें। प्रशासन की कोशिश है कि बिना किसी तनाव या जबरदस्ती के, बातचीत और समझदारी से यह मामला सुलझाया जाए। जरांगे पाटिल ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि "अगर सरकार मराठा समाज का सम्मान करेगी तो हम भी सरकार का सम्मान करेंगे।" साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहने की अपील की।

क्या है जरांगे की मांग?

मनोज जरांगे पाटिल की मांग है कि मराठा समाज को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की श्रेणी में लाकर 10% आरक्षण दिया जाए। उनका कहना है कि खासतौर पर मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को 'कुंभी' जाति के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, जिससे उन्हें ओबीसी के फायदे मिल सकें। इसके लिए वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार इस पर एक सरकारी आदेश (GR) जारी करे ताकि यह व्यवस्था कानूनी रूप से लागू हो सके।

प्रदर्शन की अनुमति और भीड़ का आंकड़ा

पुलिस ने मराठा आंदोलन के लिए सिर्फ एक दिन की अनुमति दी थी और कहा था कि इसमें ज्यादा से ज्यादा 5000 लोग ही शामिल हो सकते हैं। लेकिन असल में आंदोलन में करीब 35,000 से 45,000 लोग आ गए। इतने ज्यादा लोगों के एक साथ आने से दक्षिण मुंबई के कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम लग गया और आम लोगों को काफी परेशानी हुई। आंदोलनकारियों ने सिर्फ आजाद मैदान में ही नहीं, बल्कि उसके आस-पास की सड़कों जैसे सीएसटीएम, मरीन ड्राइव और पी डी’मेलो रोड तक कब्जा कर लिया था, जिससे हालात और बिगड़ गए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News