मलाला ने कहा- कश्मीरी लड़कियों को स्कूल जाने में मदद करे UN, BJP सांसद ने दी यह सलाह

punjabkesari.in Sunday, Sep 15, 2019 - 07:34 PM (IST)

लंदनः नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने घाटी में तनाव भरे हालात के बीच संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में शांति लाने और बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने में मदद करने की दिशा में काम करने की अपील की।

भारत सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और पाबंदियां लगाने के बाद से ही समूची घाटी में आम जनजीवन प्रभावित है। ज्यादातर दुकानें और स्कूल बंद हैं तथा सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद है।

यूसुफजई ने कहा, ‘‘ मैं यूएनजीए के नेताओं और अन्य से कश्मीर में शांति लाने की दिशा में काम करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और बच्चे स्कूलों की ओर लौट सकें, इसमें मदद करने का अनुरोध कर रही हूं।'' 22 साल की मलाला ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से चिंतित हैं जिनमें कहा गया है कि 40 दिन से ज्यादा वक्त से बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं,लड़कियां घर से निकलने में डर रही हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं कश्मीर में रहने वाली लड़कियों से अभी सीधे बातचीत करना चाहती हूं। कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से लोगों की कहानियां जानने के लिए बहुत से लोगों को काफी काम करना पड़ा। कश्मीरी दुनिया से कटे हुए हैं और वह अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। कश्मीर को बोलने दो।''
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भाजपा सांसद ने दिया जवाब
मलाला की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद शोभा करंदलाजे ने उनसे सवाल किया है। शोभा ने कहा कि मलाला को 'अपने देश में अल्पसंख्यक लड़कियों के जबरदस्ती धर्मांतरण और उत्पीड़न' के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

शोभा करंदलाजे ने कहा कि नोबेल विजेता से ईमानदारी के साथ अनुरोध कर रही हूं कि वह पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के साथ कुछ समय बिताएं। अपने ही देश में अल्पसंख्यक लड़कियों पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ बोलें। उन्होंने कहा, 'विकासात्मक एजेंडा कश्मीर तक बढ़ा, कुछ भी कम नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद से 5 अगस्त से कश्मीर में सामान्य जीवन प्रभावित है। अधिकांश दुकानें और स्कूल बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं भी बंद हैं।

 


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Yaspal

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