महात्मा गांधी के साथ लाठी पकड़कर चलने वाले कनु गांधी का निधन, अंतिम दिनों में यहां गुजारे थे दिन

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2016 - 09:36 PM (IST)

नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से बीमारी से जूझ रहे थे महात्मा गांधी के पोते कनु गांधी का सोमवार को सूरत के अस्पताल में निधन हो गया। 87 साल के कनु गांधी की मौत का कारण दिल का दौरा पडऩा बताया जा रहा है। कनु गांधी का पूरा नाम कनु रामदास गांधी है।


महात्मा गांधी के साथ चले थे लाठी पकड़कर
जब कनु गांधी बच्चे थे तब वह अपने दादा मोहनदास करमचंद गांधी के 1930 के ऐतिहासिक ‘नमक सत्याग्रह’ में भी शामिल हुए थे। उस समय गुजरात के डांडी गांव में समुद्र तट पर कनु गांधी अपने दादा की लाठी को पकड़े हुए उन्हें आगे ले जाते हुए एक तस्वीर आई थी। आठ दशक बाद भी यह तस्वीर लोगों के जहन में बसी हुई है। यह तस्वीर मुंबई के जुहू समुद्र तट और देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए संग्रहालयों में लगकर अमर हो चुकी है।


नासा में रह चुके थे वैज्ञानिक
आपको बता दें कि कनु रामदास गांधी अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा के पूर्व वैज्ञानिक रह चुके थे। कनु गांधी की पत्नी का नाम शिवलक्ष्मी है, उनकी कोई भी संतान नहीं है। कनु ने 25 साल तक नासा की सेवा की। चार दशक बाद 2014 में स्वदेश लौटने के बाद उनके हालात बुरे हो गए थे।


अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में भी किया था काम
भारत में अमेरिका के तत्कालीन राजदूत जॉन केनेथ गालब्रेथ, कनु को मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अध्ययन के लिए ले गए थे। कनु ने नासा और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में काम किया था। शिवालक्ष्मी बोस्टन बॉयोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर थीं।
 

कनु गांधी के करीबी अहमदाबाद के धीमांत बधिया ने बताया कि भारत लौटने के बाद कनु गांधी भटकते रहते थे उनके पास अपना कोई निजी ठिकाना नहीं था। कुछ समय के लिए उन्होंने अपना समय आश्रम में भी बिताया। उन्होंने कहा कि आज किसी को भी महात्मा गांधी के विचारों या उनके वारिसों से कोई सरोकार नहीं है।


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