कर्ज में डूबे किसान दंपति ने की दिल दहला देने वाली आत्महत्या, बच्चों के लिए छोड़ा भावुक संदेश
punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 05:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। फुलंब्री तालुका के आलंद क्षेत्र के पिंपरी शिवार गांव में कर्ज और आर्थिक तंगी से परेशान एक किसान दंपति ने एक के बाद एक आत्महत्या कर ली। पत्नी ने शुक्रवार को कुएं में कूदकर अपनी जान दी, तो शनिवार को पति ने उसी कुएं के पास पेड़ पर फांसी लगाकर दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।
क्या है पूरा मामला?
43 वर्षीय विलास रामभाऊ जमधड़े और उनकी 38 वर्षीय पत्नी रमाबाई विलास जमधड़े अल्पभूधारक किसान थे। बैंकों के कर्ज और हाल के मुसलाधार बारिश से फसलों को हुए नुकसान ने उनकी जिंदगी को दुष्कर बना दिया था। शुक्रवार (27 सितंबर) को रमाबाई ने शेतातील कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। उनके शव की खोजबीन के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही थी, तभी शनिवार सायंकाल करीब 5 बजे विलास ने गाव से दो किलोमीटर दूर शेत पहुंचकर टोक का कदम उठाया।
पुलिस ने बताया कि विलास का शव उसी कुएं के पास पेड़ से लटका मिला। दोनों के शवों का पोस्टमार्टम फुलंब्री ग्रामीण अस्पताल में कराया गया। प्रारंभिक जांच में कर्जबारी ही मौत का मुख्य कारण सामने आया है।
बच्चों के लिए छोड़ा भावुक संदेश
आत्महत्या से पहले विलास ने व्हाट्सएप ग्रुप पर अपने दो नाबालिग बेटों सुमित और अमित के नाम एक मार्मिक संदेश लिखा। संदेश में उन्होंने कहा, "मैं विलास रामभाऊ जमधड़े, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक का पीक कर्ज होने के कारण आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी पत्नी ने भी कल बैंक के कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली। सुमित, अमित मुझे माफ करो, लेकिन मेरी आखिरी इच्छा है कि तुम आलंद से ही अपनी पढ़ाई पूरी करो। मेरे प्रिय बच्चों।" यह संदेश पढ़कर गांववासी भावुक हो गए। दंपति के अब दो छोटे बच्चे अनाथ हो चुके हैं, जिनका भविष्य अब अनिश्चित है।
इलाके में शोक की लहर
इस घटना से पूरे गांव और तालुका में सन्नाटा पसर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों की कमर तोड़ दी है। एक ग्रामीण ने कहा, "कर्ज माफी और फसल बीमा की व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए, ताकि ऐसी त्रासदियां न हों।"
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने भी मामले का संज्ञान लिया है। मराठवाड़ा क्षेत्र में किसान आत्महत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, जिससे सरकार पर ठोस कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है।