Maha Kumbh 2025 Prayagraj: बैंकॉक में 13,000 फीट की ऊंचाई से अनामिका ने लहराया महाकुंभ का झंडा, दुनिया को दिया निमंत्रण, सामने आई तस्वीरें
punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 12:09 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले ऐतिहासिक महाकुंभ का संदेश अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। भारत की सबसे कम उम्र की महिला स्काई ड्राइवर, अनामिका शर्मा ने 8 जनवरी को बैंकॉक के आसमान में 13,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाते हुए महाकुंभ का झंडा लहराया। इस शानदार प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने दुनिया को महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया।
अनामिका का अद्वितीय योगदान
अनामिका शर्मा, जो कि प्रयागराज की रहने वाली हैं, देश की सबसे कम उम्र की सी लाइसेंस प्राप्त स्काई ड्राइवर हैं। अपने पिता, अजय कुमार शर्मा, जो एयरफोर्स के रिटायर्ड अधिकारी हैं, से प्रेरित होकर अनामिका ने स्काई डाइविंग की दुनिया में कदम रखा। महाकुंभ 2025 के लिए यह उनका विशेष योगदान था, जहां उन्होंने दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ का संदेश देने वाले झंडे को आसमान में लहराया।
Anamika Sharma, India’s youngest C-licensed female skydiver from Prayagraj, has achieved a historic feat by unfurling the official Mahakumbh 2025 flag at 13,000 feet in Bangkok. #Mahakumbh2025 #Mahakumbh #MahaKumbhOnDD #Prayagraj@UPGovt @myogiadityanath @PIB_India @MIB_India pic.twitter.com/Skr4qR6Jps
— DD News (@DDNewslive) January 9, 2025
पहले भी फहराया है ध्वज
यह पहली बार नहीं है जब अनामिका ने आसमान में झंडा लहराया हो। इससे पहले, उन्होंने अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए हुई प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भी इतनी ही ऊंचाई से राम नाम के ध्वज को लहराया था। दोनों ही घटनाएं अनामिका के साहस और देशभक्ति को प्रदर्शित करती हैं।
यह भी पढ़ें: Supreme Court ने सुधारी अपनी गलती, 25 साल बाद जेल से रिहा हुआ नाबालिग हत्यारा
महाकुंभ के प्रति समर्पण
अनामिका ने इस बारे में कहा, "हमारी परंपरा रही है कि जब भी विश्व कल्याण के लिए कोई आयोजन होता है, तो भारत के सभी प्राणी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते हैं।" उनका यह बयान महाकुंभ के महत्व को दर्शाता है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
अनामिका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया, जिन्होंने उन्हें वायु सेना के दौरान प्रेरित किया और उनका मार्गदर्शन किया। अनामिका ने महज 10 वर्ष की उम्र में अपनी पहली स्काई डाइविंग छलांग लगाई थी, और तब से ही यह खेल उनके जीवन का हिस्सा बन गया। इस उपलब्धि ने अनामिका को और भी प्रेरित किया है और यह साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। उनका यह कदम युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन सकता है कि वे अपने सपनों को ऊंचाई तक ले जा सकते हैं, भले ही वह आकाश की ऊंचाइयों में हो या किसी अन्य क्षेत्र में।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की ‘प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी’ मान्यता पर संकट, यू.एस. हाउस में नया विधेयक पेश