बिना लॉ डिग्री के 21 साल बना रहा मजिस्ट्रेट, अब ले रहा पेंशन

punjabkesari.in Saturday, Nov 25, 2017 - 07:00 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जुडिशरी सिस्टम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तमिलनाडु में एक व्यक्ति लॉ डिग्री के बिना ही करीब 21 साल तक जुडिशियल मजिस्ट्रेट के पद कार्यरत रहा। मामले का खुलासा तब हुआ जब शक के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी मजिस्ट्रेट की डिग्री की शिनाख्त करने आदेश दिए। 

तमिलनाडु बार काउंसिल ने बिठाई जांच
अब बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु ने आरोपी मदुरै के पूर्व मजिस्ट्रेट पी. नटराजन के खिलाफ जांच दल गठन कर दिया है। चौकाने वाली बात तो ये हैं कि आरोपी जज अब पेंशन भी ले रहा है और वर्तमान में एक वकील के रूप में प्रेक्टिस भी कर रहा है। वहीं बार काउंसिल ने नटराजन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि क्यों ना उनके वकालत के पंजीकरण को रद्द किया जाए। दूसरी तरफ पी नटराजन ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा, ‘मेरे साथ इस तरह का बर्ताव करना गलत होगा। खासतौर तब जब मैंने बीस साल न्यायिक सेवा में गुजारे हैं।’

कॉन्वोकेशन के दौरान नहीं दी जानकारी
अपने जवाब में नटराजन ने आगे कहा कि उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से जुड़े सारदा लॉ कॉलेज से बीजीएल का कोर्स किया था। ये कोर्स दो साल का था। जो उन्होंने डिस्टेंस से किया। साथ उन्होंने बताया कि कॉन्वोकेशन के दौरान ये नहीं बताया गया कि इस डिग्री का इस्तेमाल सिर्फ अकादमिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। रोजगार के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

1982 में जुडिशल मजिस्ट्रेट का मिला पद 
उल्लेखनीय है कि पी. नटराजन ने साल 1975 से 1978 के बीच शारदा लॉ कॉलेज से बैचलर ऑफ जनरल लॉ की डिग्री ली थी। इस दौरान वे शुरूआती दो साल दूरस्थ शिक्षा ही लेते रहे। डिग्री के अंतिम साल (थर्ड इयर) में उन्होंने क्लासेज अटैंड की। इसके बाद 15 फरवरी 1982 को नटराजन को जुडिशल मजिस्ट्रेट के तौर पर चुना गया था। 21 साल तक नौकरी करने के बाद वे 30 जून 2003 को अपने पद से रिटायर हो गए।


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