चुनावों से पहले CM शिवराज ने खेला 'साधु कार्ड'

punjabkesari.in Wednesday, Apr 04, 2018 - 06:09 PM (IST)

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश सरकार ने आज साधु-संतों को लुभाने के लिए 5 विशिष्ट संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार ने यह फैसला साधुओं को लुभाने के लिए लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव के. के. कतिया के मुताबिक शिवराज सिंह सरकार ने 5 खास साधु-संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है।

तत्काल प्रभाव से लागू हुआ आदेश 
इस लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा का नाम भी शामिल है। जिन साधु को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है, उनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत शामिल हैं। खास बात है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। वहीं कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार प्रत्येक मोर्चे पर विफल होने के बाद धर्म के घोड़े पर सवार होकर अपनी चुनावी नैया पार करना चाहती है। 

कांग्रेस के निशाने पर शिवराज सरकार
राज्य सरकार की ओर से कल यहां नर्मदा नदी संरक्षण के सिलसिले में गठित विशेष समिति में पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के परिप्रेक्ष्य में मिश्रा ने आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर बाबा नाम के संत ने हाल ही में राज्य सरकार की ओर से निकाली गयी नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने की चेतावनी देते हुए ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार ने प्रलोभन देते हुए कंप्यूटर बाबा समेत पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया। मिश्रा ने कहा कि सरकार ने संत समाज को प्रलोभन दिया है। संतों को इस प्रलोभन को ठुकरा देना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आम लोगों में संतों के प्रति सम्मान निश्चित तौर पर कम होगा।  


 


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Anil dev

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