लखनऊ बना उत्तर प्रदेश का पहला ''जीरो नेट वेस्ट सिटी'', शिवरी प्लांट से हर दिन होगा 2000 टन कूड़े का निस्तारण

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 10:13 PM (IST)

नेशनल डेस्कः लखनऊ ने कचरा प्रबंधन में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अब शहर में हर दिन निकलने वाले 2000 मीट्रिक टन से ज्यादा ठोस कचरे का 100% वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जा रहा है। न कोई डंपिंग, न कोई बिना ट्रीटमेंट का कचरा लखनऊ अब "जीरो नेट वेस्ट सिटी" बन गया है, और ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला शहर है।


शिवरी वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट बनी गेमचेंजर

यह सफलता शिवरी में नई वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होने के बाद मिली है। इस यूनिट की मदद से हर दिन शहर का पूरा कचरा प्रोसेस किया जा रहा है।

  • दो साल पहले यही शिवरी साइट 18.5 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे (legacy waste) से भरी हुई थी।

  • अब तक उसमें से लगभग 13 लाख टन कचरा प्रोसेस किया जा चुका है।

  • इस कचरे से बनाया गया है:

    • बायो-सॉयल (जैविक मिट्टी)

    • RDF (Refuse-Derived Fuel) – जो ईंधन के रूप में उपयोग होता है

    • निर्माण योग्य मलबा (construction-grade debris)


25 एकड़ जमीन को दी नई पहचान

शिवरी की यह साइट सिर्फ कचरा प्रोसेसिंग तक सीमित नहीं है। यहां की 25 एकड़ जमीन, जो पहले कचरे से भरी थी, अब:

  • कम्पोस्टिंग पैड (organic खाद बनाने की जगह)

  • ग्रीन ज़ोन

  • और नई वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर यूनिट्स में बदली जा रही है।


पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी

  • पूरे क्षेत्र की 24x7 निगरानी के लिए 47 CCTV कैमरे लगाए गए हैं।

  • प्रोजेक्ट की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ जुड़े हैं, जैसे:

    • NEERI नागपुर

    • IIT रुड़की

    • VJTI मुंबई


नौकरियों और सर्कुलर इकोनॉमी की ओर कदम

यह परियोजना सिर्फ सफाई का काम नहीं कर रही, बल्कि:

  • स्थानीय युवाओं को रोजगार दे रही है।

  • संसाधनों का दोबारा इस्तेमाल सिखा रही है।

  • और एक सर्कुलर इकोनॉमी (Circular Economy) को बढ़ावा दे रही है, जिसमें कचरा एक संपत्ति बन जाता है।


भविष्य की योजना: वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट

  • एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, ताकि एक फुल-फ्लेज्ड वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाया जा सके।

  • तब तक, एनटीपीसी (NTPC) द्वारा समर्थित शिवरी प्लांट ही लखनऊ के कचरा प्रबंधन की मुख्य इकाई बना रहेगा।


लखनऊ की यह उपलब्धि क्यों है खास?

कभी कचरे के पहाड़ों से घिरे लखनऊ को लोग एक गंदे शहर के रूप में जानते थे। लेकिन आज, यह शहर पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है। यह साबित करता है कि अगर इच्छाशक्ति, तकनीक और सही दिशा हो, तो कोई भी शहर साफ, स्वच्छ और टिकाऊ (sustainable) बन सकता है।


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Content Writer

Pardeep

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