1 जनवरी 2026 से LPG गैस चूल्हों पर लागू होंगे ये नए रुल, जानिए क्या है नया नियम और क्या होगा इसका असर
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 01:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अब तक आपने एयर कंडीशनर, फ्रिज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर स्टार रेटिंग देखी होगी। लेकिन अब वही व्यवस्था रसोई के सबसे अहम उपकरण एलपीजी गैस चूल्हों पर भी लागू होने जा रही है। सरकार का यह कदम ऊर्जा की बचत और हरित रसोई की दिशा में बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है। भारत सरकार ने घरेलू एलपीजी गैस चूल्हों के लिए ऊर्जा दक्षता मानक (Energy Efficiency Standards) को अब अनिवार्य कर दिया है। इस नई योजना के अनुसार अब हर गैस चूल्हे पर भी स्टार रेटिंग देनी होगी, जिससे ग्राहक यह जान सकें कि कौन-सा चूल्हा कम गैस में ज्यादा गर्मी पैदा करता है यानी अधिक थर्मल एफिशिएंसी रखता है।
कब से होगा नियम लागू?
यह नया नियम 1 जनवरी 2026 से पूरे देश में लागू हो जाएगा। इसके तहत बाजार में बिकने वाले सभी घरेलू एलपीजी स्टोव्स को यह रेटिंग लेनी होगी और केवल उन्हीं चूल्हों की बिक्री हो सकेगी, जो निर्धारित मानकों को पूरा करते हों।
कौन-कौन से उत्पाद होंगे शामिल?
यह नया नियम 1 जनवरी 2026 से पूरे देश में लागू हो जाएगा। इसके तहत बाजार में बिकने वाले सभी घरेलू एलपीजी स्टोव्स को यह रेटिंग लेनी होगी और केवल उन्हीं चूल्हों की बिक्री हो सकेगी, जो निर्धारित मानकों को पूरा करते हों।
कैसे तय होगी स्टार रेटिंग?
एलपीजी गैस चूल्हों की रेटिंग उनकी थर्मल एफिशिएंसी (तापीय दक्षता) पर आधारित होगी। इसके लिए एक चार्ट तय किया गया है, जिसमें निम्नलिखित मानक लागू होंगे:
स्टार रेटिंग | तापीय दक्षता (%) |
---|---|
1 स्टार | ≥68% और <70% |
2 स्टार | ≥70% और <72% |
3 स्टार | ≥72% और <74% |
4 स्टार | ≥74% और <76% |
5 स्टार | ≥76% |
इससे ग्राहकों को यह जानने में आसानी होगी कि कौन-सा चूल्हा अधिक गैस बचा सकता है और कौन कम।
कब तक मान्य होगी स्टार रेटिंग?
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह स्टार रेटिंग 1 जनवरी 2026 से 31 दिसंबर 2028 तक मान्य होगी। इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसे हर दो साल में या उससे पहले भी समीक्षा के आधार पर बदला जा सकता है।
BEE की सलाह से बना नियम
यह आदेश ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की सलाह पर तैयार किया गया है और इसे ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत लागू किया गया है। इसे सरकार के राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है। इसका उद्देश्य घरेलू स्तर पर ऊर्जा की बचत को बढ़ावा देना और देश को हरित ऊर्जा की ओर ले जाना है।
पंजीकरण होगा अनिवार्य
सभी निर्माताओं और आयातकों के लिए BEE के ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना रजिस्ट्रेशन और बिना स्टार लेबल के कोई भी चूल्हा बाजार में नहीं बिक पाएगा।
ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा?
इस योजना के लागू होने से उपभोक्ता अब गैस चूल्हा खरीदते समय उसकी ऊर्जा दक्षता की आसानी से तुलना कर सकेंगे, जिससे उन्हें अधिक कुशल और गैस की बचत करने वाला उत्पाद चुनने में मदद मिलेगी। ऊर्जा दक्षता अधिक होने से गैस की खपत में भी कमी आएगी, जिससे हर महीने का खर्च कम होगा और घर की बचत बढ़ेगी। इसके अलावा, बाजार में गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि सभी कंपनियों को निर्धारित मानकों का पालन करना होगा, जिससे प्रतिस्पर्धा भी स्वस्थ और उपभोक्ता हित में होगी।