7.5 करोड़ बुजुर्ग जूझ रहे कई बीमारियों से, सरकार के सबसे बड़े सर्वे ने बढ़ाई देश की चिंता

punjabkesari.in Thursday, Jan 07, 2021 - 01:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  रोजी रोटी और बेहतर शिक्षा की तलाश में युवाओं के शहर की ओर पलायन करने के कारण आज के समय में शहरों की अपेक्षा गांवों में अधिक संख्या में बुजुर्ग एकाकी जीवन बिता रहे हैं। बुजुर्गों के कल्याण के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम और नीतियों को उनके अनुकूल निर्मित करने के उद्देश्य के साथ देश में पहली बार देशव्यापी सर्वेक्षण‘ लाँगिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया' किया गया। 

PunjabKesari

पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं बुजुर्ग
सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में रहने वाले करीब साढ़े सात करोड़ बुजुर्ग पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं। अध्ययन कहता है कि बुजुर्गों की आबादी का 40 फीसद किसी न किसी प्रकार की अक्षमता से और करीब 20 फीसदी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। दूसरी ओर 27 फीसद बुजुर्ग कई प्रकार के रोगों से जूझ रहे हैं, जिनकी संख्‍या करीब 3.5 करोड़ हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत में साल 2050 तक बुजुर्गों की संख्या 31 करोड़ से अधिक हो जाएगी। देश में बुजुर्गों की संख्या बढ़ोतरी की रफ्तार काफी तेज हो रही है, अभी के मुकाबले 2050 में ये संख्या करीब तीन गुना होगी।

PunjabKesari

4.1 प्रतिशत  बुजुर्ग जी रहे एकाकी जीवन 
इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जारी की। इसके मुताबिक गांवों में 60 साल से अधिक आयु के 6.3 प्रतिशत बुजुर्ग अकेले जीवनयापन कर रहे हैं जबकि शहर में एकाकी जीवन जीने वाले बुजुर्ग 4.1 प्रतिशत हैं। शहर में 32.6 प्रतिशत बुजुर्ग अपने बच्चों या अन्य व्यक्तियों के साथ रह रहे हैं जबकि गांवों में 25.6 प्रतिशत अपने बच्चों के साथ रह रहे हैं। 

PunjabKesari

अन्य लोगों के साथ जीवन जी रहे कई बुजुर्ग
अपने परिवार के अलावा अन्य लोगों के साथ जीवन जी रहे बुजुर्ग गांवों में अधिक हैं। गांवों में इस तरह छह प्रतिशत बुजुर्ग रह रहे हैं जबकि शहर में पांच प्रतिशत इस तरह जीवन गुजार रहे हैं। अपनी पत्नी और अन्य लोगों के साथ या पत्नी या अन्य लोगों के साथ गांवों में 21.5 प्रतिशत तथा शहर में 17.5 प्रतिशत बुजुर्ग रह रहे हैं । अपनी पत्नी तथा बच्चों के साथ रहने वाले बुजुर्गों की संख्या शहरों में अपेक्षाकृत अधिक है। गांवों में इस तरह 40.6 प्रतिशत बुजुर्ग रह रहे हैं जबकि शहर में 40.7 प्रतिशत इस तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News