बुजुर्ग सास को अकेले छोड़कर अधिकारी से कर ली शादी, पति की नौकरी मिलने के बाद पत्नी का बदल गया रवैया
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 09:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के प्रेमनगर थाना क्षेत्र की राजेंद्र नगर कॉलोनी में रहने वाली मीना शर्मा इन दिनों बहुत परेशान हैं। उनके परिवार की कहानी नगर निगम में चर्चा का विषय बन गई है। मीना शर्मा के पति राकेश शर्मा जलकल विभाग में मीटर रीडर थे। साल 2015 में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद उनके इकलौते बेटे प्रशांत शर्मा को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली। प्रशांत की शादी जया शर्मा से हुई थी, लेकिन दुर्भाग्य से प्रशांत की भी 2018 में बीमारी के कारण मौत हो गई।
इसके बाद जया शर्मा ने भी मृतक आश्रित कोटे के तहत नगर निगम में नौकरी मांगी। उसने एक शपथ पत्र दिया कि वह अपनी सास मीना शर्मा की पूरी देखभाल करेगी और बेटे की बीमारी में लिए गए लोन की किश्तें भी भरेगी।
बहू को मिली नौकरी, फिर बदला रवैया
नगर निगम के टैक्स विभाग में जया को बाबू की नौकरी मिल गई। लेकिन नौकरी मिलने के बाद उसका बर्ताव पूरी तरह बदल गया। उसने मीना शर्मा की देखभाल बंद कर दी और टैक्स विभाग में काम करने वाले अधिकारी ललतेश सक्सेना से नजदीकियां बढ़ा लीं। बताया जा रहा है कि जया और ललतेश के बीच प्रेम संबंध थे और उन्होंने 14 फरवरी 2024 को चुपचाप शादी भी कर ली।
सास की हालत खराब, मांगा इंसाफ
मीना शर्मा अब अकेली रह गई हैं और मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि जया ने जो भी वादे शपथ पत्र में किए थे, वे सब झूठे निकले। न तो वह उनकी देखभाल कर रही है और न ही बैंक लोन की किश्तें भर रही है। बैंक से लगातार नोटिस आ रहे हैं जिससे मीना को काफी परेशानी हो रही है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
मीना ने नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य से इसकी शिकायत की कि जया और ललतेश दोनों ने कर्मचारी नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, सिर्फ आश्वासन दिया गया है।
ललतेश का तबादला होने के बावजूद बरेली में मौजूदगी
ललतेश सक्सेना का तबादला रायबरेली हो चुका है, फिर भी वह अक्सर बरेली आते रहते हैं और जया के साथ देखे जाते हैं। कहा जा रहा है कि वह जया के साथ सरकारी गाड़ी में घूमते हैं। ललतेश की पहली पत्नी की मौत हो चुकी है और उनकी दो बेटियाँ हैं, जो उम्र में जया के बराबर हैं।
नगर निगम की चुप्पी पर उठे सवाल
जब नगर आयुक्त संजीव मौर्य से इस पूरे मामले पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि यदि ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आगे भी कर्मचारी नियमों की इसी तरह अनदेखी होती रहेगी।