PM मोदी के तानाशाही से देश गुलामी की ओर: लालू

punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2016 - 06:27 PM (IST)

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज नोटबंदी के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तानाशाही रवैये से देश आर्थिक गुलामी की ओर बढ रहा है और आम आदमी का जीवन बेहाल हो गया है। यादव ने पार्टी की ओर से नोटबंदी के खिलाफ यहां आयोजित धरना को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी के सत्ता में आने के बाद से देश बुरे दौर से गुजर रहा है और आर्थिक गुलामी की ओर बढ रहा है। प्रधानमंत्री का पद संभालने से पहले मोदी ने स्विस बैंक में जमा कालाधन लाने, लोगों के खाता में 15-15 लाख रुपए जमा करने के साथ ही युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था।   

नोटबंदी मोदी का अकेला लिया निर्णय 
राजद अध्यक्ष ने कहा कि मोदी के बहकावे में आकर युवाओं ने अपने माता-पिता को समझा कर लोकसभा के चुनाव में भारी बहुमत से भाजपा को जीत दिलाई। चुनाव के दौरान जिस प्रदेश में भी जाते थे ‘लक्ष्मी की वर्षा’ करने से तनीक भी नहीं चुकते। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन लाने का वादा कर सत्ता में बैठे मोदी के तो अच्छे दिन आ गए लेकिन लोगों के बुरे दिन की शुरुआत भी हो गई। यादव ने कहा कि बगैर किसी सूचना के ही नोटबंदी कर दिया गया जिसके कारण बेटी की शादी के लिये दो पैसे बचाकर जिन लोगों ने रखा था उसके भी कठिन दिन शुरू हो गए। नोटबंदी का मोदी का अकेला लिया गया निर्णय है जो देश को तानाशाही की ओर ले जा रहा है। 

रोजी-रोटी के लाले पड़े
उन्होंने कहा कि नक्सलियों और आतंकियों से पैसा निकालने का वादा किया गया था जो अभी तक कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रहा है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी के अब 50 दिन समाप्त हो गए हैं और अभी तक कालाधन रखने वालों का पता नही चल पा रहा है। नोटबंदी के बाद से असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से दिल्ली, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में काम करने वाले मजदूर जो लोकआस्था का महापर्व छठ के समय आते थे वो रोते हुए लौट रहे हैं। 

घर लौटने लगे मजदूर
यादव ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का सबसे बुरा हाल है। दर्जी, पेंटर, बढई, राजमिस्त्री समेत अन्य असंगठित क्षेत्र के मजदूर इन दिनों अपने घर लौटने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से बड़े-बड़े कल कारखानों के साथ ही निर्माण के क्षेत्र में लगी एजेंसियों के कामकाज भी ठप्प हो गए हैं। बिहार में सोना-चांदी केदुकान बंद पड़े है। नोटबंदी के बाद से आटा 28 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है जिसके कारण आम लोगों को जीवनयापन करना भी कठिन है। 


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