इलेक्शन डायरी: सैकुलर जिन्ना और अडवानी का इस्तीफा
punjabkesari.in Friday, May 03, 2019 - 11:25 AM (IST)
इलैक्शन डैस्क (नरेश कुमार): राची में पैदा हुए देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण अडवानी ने 2005 में बतौर भाजपा अध्यक्ष एक ऐसी चूक कर दी जिसकी कीमत उन्हें अपनी अध्यक्ष पद की गद्दी छोड़ कर चुकानी पड़ी थी। दरअसल अडवानी जून 2005 के पहले सप्ताह पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। कराची में पैदा हुए अडवानी 4 जून को वहां पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मजार पर गए तो उन्होंने अपने संबोधन में जिन्ना को सैकुलर बता दिया।
अडवानी का यह ब्यान मीडिया में आते ही देश में बवाल मच गया और हिन्दू संगठन और आर.एस.एस. ने अडवानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि अडवानी को कराची से ही 7 जून 2005 को अपने इस्तीफे की पेशकश करनी पड़ी। अडवानी के इस्तीफे के बाद भाजपा में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में उन्हें मनाया गया लेकिन इसी बीच उन्हें पार्टी से किनारे करने की कवायद शुरू हो गई और दिसम्बर 2005 में अडवानी के शेष कार्यकाल के लिए राजनाथ सिंह को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया और पार्टी में उनकी पैठ लगातार घटती गई।
हालांकि बाद में कई मीडिया इन्टरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान में किए गए अपने संबोधन को सही ठहराया और कहा कि इतिहास उनका सही रूप में मूल्यांकन करेगा लेकिन तत्कालीन सियासत के लिहाज से अडवानी का अपनी जन्म भूमि पर भावनाओं में बह कर धर्म के आधार पर अलग राष्ट्र का गठन करवाने वाले जिन्ना को सैकुलर बताना बड़ी चूक साबित हुई।