LAC विवादः 15वीं कोर कमांडर की बैठक बेनतीजा, नहीं बनी कोई सहमति

punjabkesari.in Saturday, Mar 12, 2022 - 08:55 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब दो साल से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए हुई कोर कमांडरों की बैठक में टकराव के बाकी बचे मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी और इन मुद्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार है। दोनों सेनाओं के कोर कमांडरों की 15वें दौर की बातचीत शुक्रवार को भारतीय सीमा के चुशूल मोल्डो क्षेत्र में हुई। करीब 12 घंटे तक चली बातचीत में केवल यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष टकराव के बाकी बचे मुद्दों के जल्द समाधान के लिए राजनयिक तथा सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बातचीत के बारे में एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने गत 12 जनवरी को हुई 14वें दौर की बातचीत को आगे बढ़ाते हुए पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्र में टकराव के बाकी बचे मुद्दों के समाधान पर चर्चा की। उन्होंने संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए अपने अपने देश के नेताओं द्वारा निर्धारित मार्गदर्शन में विचारों का विस्तार से आदान-प्रदान किया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन मुद्दों के समाधान से पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और मैत्री के माहौल की बहाली और द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि वे इस दौरान पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता की स्थिति बनाए रखेंगे। उन्होंने टकराव के बाकी बचे मुद्दों के जल्द से जल्द परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए सैन्य तथा राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि मई 2020 में चीनी सेना द्वारा पूर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की गई थी जिसका भारतीय सेना ने कड़ा विरोध किया था। इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में 15 जून 2020 को हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और चीन के भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे।

इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच सरकार, राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इस बातचीत के परिणामस्वरूप दोनों देशों ने टकराव के कई मुद्दों का समाधान करते हुए पैंगोंग झील और कुछ अन्य क्षेत्रों मैं टकराव दूर करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों से अपने सैनिकों को भी पीछे हटाया है जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव कम हुआ है।


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Content Writer

Yaspal

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