जानिए आखिर कौन है वो लड़की, जिसे PM मोदी ने बनाया करोड़पति?

punjabkesari.in Friday, Apr 14, 2017 - 06:15 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (14 अप्रैल) को नागपुर में डिजिधन योजना और डिजिधन व्यापार योजना के विजेताओं को सम्मानित किया। यह योजना पिछले साल नोटबंदी के बाद डिजिटन भुगतान को बढ़ावा देने के लिए शुरूकी गई थी। महाराष्ट्र की लातूर की रहने वाली श्रद्धा मोहन मैनशेट्टी को 1 करोड़ का ईनाम मिला। 

फोन की ई.एम.आई. ने खोली किस्म
श्रद्धा ने 1590 रुपए का भुगतान अपने मोबाइल फोन की किश्त चुकाने के लिए किया था। श्रद्धा इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा हैं, उन्होंने सेंट्रल बैंक के रुपे कार्ड के जरिए यह पेमेंट की थी। श्रद्धा के पिता एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं लेकिन एक डिजिटल पेमेंट ने उनकी किस्मत बदल दी।

शिक्षक बना लखपति
दूसरा पुरस्कार गुजरात के बैंक ऑफ बड़ोदा के रुपे कार्ड के जरिए 1100 रुपए के डिजिटल ट्रांजैक्शन पर हार्दिक कुमार चिमनभाई प्रजापति को 50 लाख रुपए मिले। पेशे के शिक्षक हैं।

रेडिमेड गारमेंट बेचने वाला बना लखपति
रागिनी राजेंद्र उत्तेकर को दूसरा पुरस्कार मिला, उन्होंने 25 लाख रुपए का ईनाम जीता। रागिनी ने मात्र 510 रुपए का भुगतान किया था। तो वहीं हैदराबाद के शेख रफी को तीसरा पुरस्कार मिला। उन्होंने 2000 रुपए का भुगतान किया था, जिसके बदले उन्हें 12 लाख रुपए का ईनाम मिला। शेख रफी किसान परिवार से आते हैं, वह रेडिमेड गारमेंट का काम करते हैं।

कपड़े की दुकान में करते हैं काम
तीसरा पुरस्कार भरत सिंह को मिला है, वे देहरादून उत्तराखंड से आते हैं। उन्होंने मात्र 100 रुपए का डिजिटल ट्रांजैक्शन किया था। भरत ने पी.एन.बी. के जरिए भुगतान किया था। भरत 37 साल के हैं, 9वीं तक पड़े हैं, कपड़े की दुकान में काम करते हैं।

गंगा सफाई के लिए दिए सारे पैसे
तमिलनाडु के वेस्ट तांबरम के जीआरटी ज्वैलर्स ने आई.सी.आई.सी.आई. के जरिए महज 300 रुपए का भुगतान कर 50 लाख रुपए जीते। इसके तहत एमडी जीआर राधाकृष्णन ने किया पुरस्कार ग्रहण किया। उन्होंने ईनाम में मिले पैसों को गंगा की सफाई के लिए दान किया। उनके बैंक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक ने भी 50 लाख रुपए भी दान किए।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News