जानिए बादल कब और कैसे फटते हैं ? कैसे होती है अचानक भारी बारिश

punjabkesari.in Friday, Aug 02, 2024 - 05:53 PM (IST)

नेशनल डेसल्क : बादल एक वायुमंडलीय घटना है जो पानी की बूँदियों या बर्फ के क्रिस्टलों के समूह से बनती है। ये वायुमंडल में तैरते हैं और मौसम के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालते हैं। बादल मुख्यतः तापमान, आर्द्रता, और वायुदाब की विविधता के आधार पर बनते हैं।

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बादल कैसे और कब फटते हैं?
बादल तब फटते हैं जब उनमें अत्यधिक मात्रा में पानी और ऊर्जा एकत्रित हो जाती है, जिससे अचानक भारी बारिश, ओलावृष्टि, या तूफान उत्पन्न हो सकते हैं। बादलों के फटने का विज्ञान और प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है : 
1. बादल की संरचना

  • पानी की बूँदियाँ: बादल में बहुत छोटी-छोटी पानी की बूँदियाँ होती हैं। इन बूँदियों का आकार आमतौर पर 0.01 मिमी से लेकर 0.1 मिमी तक होता है।

  • बर्फ के क्रिस्टल: ठंडे मौसम में, जब तापमान बहुत कम होता है, तो पानी की बूँदियाँ बर्फ के क्रिस्टलों में बदल जाती हैं और बादल में शामिल हो जाती हैं।

2. बादल का निर्माण

  • वाष्पन: जब पानी समुद्र, झीलें या नदियों की सतह से वाष्प बनता है, तो यह वायुमंडल में चला जाता है।

  • संघनन: जब यह वाष्प ठंडे वायुमंडल में पहुँचती है, तो यह ठंडा होकर पानी की बूँदियों या बर्फ के क्रिस्टलों में बदल जाती है। ये बूँदियाँ मिलकर बादल का निर्माण करती हैं।

  • पानी की मात्रा: अगर वायुमंडल में बहुत अधिक नमी हो, तो बहुत सारी पानी की बूँदियाँ एकत्र हो जाती हैं, जिससे बादल भारी और घना हो जाता है।

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3. बादल के प्रकार

  • क्यूमूलस (Cumulus): ये बादल हल्के और ऊँचाई में गोल होते हैं, जो आमतौर पर दिन के समय आसमान में देखे जाते हैं।

  • स्ट्रेटस (Stratus): ये बादल आमतौर पर नीचले स्तर पर होते हैं और आकाश को ढक लेते हैं, जिससे हल्की बारिश या धुंध हो सकती है।

  • सिरस (Cirrus): ये उच्च ऊँचाई वाले पतले और रेशमी बादल होते हैं। ये ठंडे वायुमंडल में बनते हैं और मौसम में बदलाव के संकेत हो सकते हैं।

  • क्यूमुलोनिम्बस (Cumulonimbus): ये बड़े और ऊँचाई वाले बादल होते हैं, जो तूफान, भारी बारिश, और ओलावृष्टि का कारण बन सकते हैं।

4. बादल के जीवनचक्र

  • निर्माण: बादल तब बनते हैं जब वायुमंडल में नमी ठंडी होकर पानी की बूँदियों या बर्फ के क्रिस्टलों में बदलती है।

  • वृद्धि: जैसे-जैसे बादल में अधिक पानी की बूँदियाँ जमा होती हैं, वह अधिक घना और भारी हो जाता है।

  • विसरण: जब बादल बहुत भारी हो जाता है, तो पानी की बूँदियाँ पृथ्वी पर बारिश, ओलावृष्टि, या हिमपात के रूप में गिरती हैं।

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5. मौसमी प्रभाव और महत्व

  • मौसमी परिवर्तन: बादल मौसम के बदलावों के संकेत देते हैं। उनके प्रकार और स्थिति से हमें मौसम की जानकारी मिलती है, जैसे कि बारिश, धूप, या तूफान।

  • जलवायु नियंत्रण: बादल पृथ्वी की सतह के तापमान को नियंत्रित करते हैं। वे सूर्य की किरणों को छानते हैं और पृथ्वी की गर्मी को बनाए रखते हैं।

  • जल चक्र: बादल जल चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे पानी की वाष्प को इकट्ठा करते हैं और उसे बारिश के रूप में वापस धरती पर लाते हैं, जिससे जल संसाधनों का पुनरवितरण होता है।

इस प्रकार, बादल वायुमंडल की महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं और मौसम के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।


 

 

 

 

 

 

 

 


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Content Editor

Utsav Singh

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