Pulwama Attack: ''सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ''जैश-ए-मोहम्मद'' के आतंकी इस कदर मौत से डरे थे कि कोई भी कमांड लेने को नहीं था राज़ी''

punjabkesari.in Monday, Feb 14, 2022 - 03:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज 14 फरवरी के दिन देश पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी मना रहा है। बता दें कि 14 फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे जबकि 70 जवान बेहद गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
 

इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित  जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसके बाद भारत ने हमले के 12 दिनों के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक कर  40 जवान की मौत का बदला लिय़ा। सर्जिकल स्ट्राइक में बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के की ठिकानों समेत 350 से भी ज्यादा आतंकी मारे गए थे।
 

वहीं जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था। इसका खुलासा पुलवामा हमले के समय श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में 15 कोर की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन ने किया है।
 

लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था।  हमने इंटरसेप्ट किया कि पाकिस्तान से कॉल करने पर आतंकवादियों को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कहा जाएगा, लेकिन वे मना कर देंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने 100 घंटे के अंदर पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व वाले पुलवामा हमले के पीछे के मॉड्यूल को खत्म कर दिया था।


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Content Writer

Anu Malhotra

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