ज्यादा कमाई का सपना… 13 नर्सों ने कुवैत के बैंक से लिया 10 करोड़ का लोन, फिर अचानक गायब...होश उड़ा देगी इनकी माइंड गेम

punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 08:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: ये कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी की एक ऐसी कहानी है, जिसमें करोड़ों का बैंक कर्ज लटक गया और आरोपित चुपचाप दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जा बसे। मामला है 2019 से 2021 के बीच का, जब केरल की 13 पेशेवर नर्सों ने कुवैत के प्रतिष्ठित अल अहली बैंक से ₹10.33 करोड़ का लोन लिया - भरोसा दिलाया गया कि वे कुवैत में लंबे समय तक नौकरी करेंगी और आराम से मासिक किस्तें चुकाएंगी।

बैंक को लगा, अच्छी नौकरी, बेहतर भविष्य और पेशेवर जिम्मेदारी के साथ ये ग्राहक विश्वसनीय हैं। लेकिन कुछ ही समय बाद मामला पलट गया। सभी 13 नर्सों ने चुपचाप अपनी नौकरी छोड़ दी, बिना किसी सूचना के कुवैत से बाहर निकल गईं - और लोन चुकाना तो दूर, बैंक से कोई संपर्क तक नहीं रखा।

हर नर्स पर ₹61 से ₹91 लाख का कर्ज
अल अहली बैंक के प्रतिनिधि थॉमस जे. ने बताया कि इन 13 नर्सों पर अलग-अलग रकम का लोन था, जो ₹61 लाख से ₹91 लाख के बीच था। यानी कुल मिलाकर ₹10.33 करोड़ की वसूली अब अधर में लटक गई है। थॉमस का आरोप है कि इन सभी नर्सों ने धोखाधड़ी की योजना के तहत लोन लिया, और अब ये महिलाएं यूरोप और पश्चिमी देशों में काम कर रही हैं, जहां उन्हें पहले से बेहतर वेतन मिल रहा है - बावजूद इसके, कोई भी न तो लोन चुका रही है और न ही बैंक से संपर्क में है।

लुकआउट नोटिस की तैयारी, भारत में केस दर्ज
इस मामले की शिकायत बैंक की ओर से मोहम्मद अल कत्तान ने केरल पुलिस प्रमुख को दी है। शिकायत में कहा गया है कि इन सभी डिफॉल्टरों में अधिकतर का संबंध कोट्टायम जिले से है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केरल पुलिस ने अब तक 13 एफआईआर दर्ज कर ली हैं। जांच की जिम्मेदारी कोच्चि क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है, जो अब इन लोगों की पहचान, लोकेशन और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है।

बैंक की ओर से भारत सरकार को लुकआउट नोटिस जारी करने की मांग की गई है, ताकि अगर ये आरोपी कभी भारत लौटें, तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़े।

कर्ज लेकर विदेश भागने का ट्रेंड?
इस घटना ने खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले भी गल्फ देशों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, जहां भारतीयों ने लोन लिया और फिर देश छोड़कर अन्य जगहों पर बस गए। अल अहली बैंक को डर है कि यदि यह ट्रेंड बढ़ा तो भविष्य में भारतीय कर्मचारियों पर बैंकों का भरोसा टूट सकता है, जिससे अन्य मेहनती और ईमानदार लोगों के लिए रास्ता मुश्किल हो जाएगा।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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