कठुआ बलात्कार-हत्या का षड्यंत्रकारी सजा निलंबित करने के लिए पहुंचा उच्च न्यायालय

punjabkesari.in Saturday, Feb 26, 2022 - 01:24 PM (IST)

चंडीगढ़ : कठुआ में आठ वर्ष की लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मुख्य षड्यंत्रकारी सांजी राम की जमानत याचिका पर 24 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।

 

न्यायमूर्ति तेजिंदर सिंह ढींढसा और न्यायमूर्ति ललित बत्रा की खंडपीठ के समक्ष याचिका वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिए आई। इस दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार के वकील आर. एस. चीमा ने नई तारीख देने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

 

राम ने आपराधिक दंड संहिता की धारा 389 के तहत उच्च न्यायालय में आवेदन दिया। इस प्रावधान के तहत अपील लंबित रहने पर आरोपी सजा के निलंबन के लिए अदालत का रूख कर सकता है।

 

पठानकोट की सत्र अदालत ने राम को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसने इस अपराध को 'पैशाचिक एवं भयावह' करार दिया था।

राम की याचिका में राहत देने का आग्रह करते हुए कहा गया, च्च्अभियोजन एजेंसी की जांच में कई खामियां हैं, साथ ही निचली अदालत में सुनवाई के दौरान बयानों में भी विसंगतियां हैं।"

 

इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों -- जनवरी 2018 में जिस देवस्थानम में अपराध हुआ उसकी देखभाल करने वाला और षड्यंत्रकारी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और एक अन्य व्यक्ति प्रवेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

 

राम के बेटे विशाल को जहां बरी कर दिया गया वहीं तीन अन्य पुलिसकर्मियों को मामले को दबाने एवं साक्ष्यों को नष्ट करने के आरोप में पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई।

 

गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में अदालत में दाखिल 15 पन्नों के आरोपपत्र में कहा गया कि दस जनवरी 2018 को लड़की का अपहरण किया गया और गांव के छोटे मंदिर में उसे चार दिनों तक बंधक बनाकर एवं बेहोश कर उससे बलात्कार किया गया और बाद में लड़की की हत्या कर दी गई थी। इस मंदिर की देखभाल विशेष तौर पर राम करता था।


 


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Content Writer

Monika Jamwal

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