कर्नाटक सरकार ने डेंगू को घोषित किया महामारी, जनवरी से जुलाई तक 7362 मामले दर्ज, 7 मौतें

punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2024 - 04:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक सरकार ने आज मंगलवार को राज्य में डेंगू बुखार को महामारी घोषित कर दिया है। इस आदेश के तहत डेंगू के सभी स्वरूपों को शामिल किया गया है। स्वास्थ विभाग के मुताबिक, इस साल जनवरी से जुलाई तक डेंगू के 7362 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही कर्नाटक महामारी रोग विनियम 2020 में भी संशोधन के लिए नए नियम बनाए गए हैं।
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झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को दी जाएंगी मच्छरदानियां: CM
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक कार्य योजना की घोषणा की है। इसके तहत अस्पतालों में प्रत्येक वार्ड में दस बेड रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को मच्छरदानियां दी जाएंगी। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सरकार स्थिति की नियमित निगरानी कर रही है। सभी विभागों को डेंगू के स्त्रोतों को कम करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को घर-घर जाकर डेंगू के खिलाफ जागरूकता फैलाने और मच्छरों के प्रसार को रोकने का कार्य सौंपा गया है।
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क्या डेंगू है?
डेंगू एक वायरल बुखार है, जो मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) नामक मच्छर द्वारा फैलता है। इस मच्छर के काटने से डेंगू वायरस शरीर में प्रवेश करता है और संक्रमण का कारण बनता है। डेंगू का संक्रमण आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में फैलता है।

डेंगू के लक्षण:-
डेंगू बुखार के लक्षण आमतौर पर वायरस के शरीर में प्रवेश के 4-10 दिन बाद दिखते हैं। लक्ष्ण-  उच्च तापमान (102°F से ऊपर), सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी और नॉसिया, थकान और कुछ मामलों में डेंगू का गंभीर रूप (डेंगू हेमोरैजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम) भी हो सकता है, जो जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।

ऐसे करें डेंगू से बचाव:-
- मच्छरदानी का उपयोग करें
- मच्छर रोधी क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें
- मच्छरों के लिए संभावित प्रजनन स्थलों को साफ करें, जैसे कि पानी भरने वाले बर्तन
- घर के आसपास सफाई रखें और जलजमाव से बचें
- डेंगू का नियंत्रण और रोकथाम मच्छरों की संख्या को कम करने और उनके प्रजनन स्थलों को खत्म करने पर निर्भर करता है। 

 


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Content Editor

Harman Kaur

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