Karnataka : विपक्षी नेता को HIV संक्रमित करने की कोशिश, BJP विधायक के साथ मिलकर रची गई साजिश
punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2024 - 12:10 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कर्नाटक की राजनीति में एक खौफनाक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और बीजेपी विधायक पर एचआईवी संक्रमित ब्लड के जरिए विपक्षी नेता को संक्रमित करने की साजिश रचने का आरोप है। इस मामले ने अब तक कर्नाटक की राजनीति और पुलिस महकमे को झकझोर दिया है, और विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले में एक बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस साजिश में शामिल पुलिस इंस्पेक्टर ने बीजेपी विधायक मुनिरत्ना नायडू के साथ मिलकर विपक्षी नेता आर. अशोक को एचआईवी संक्रमित ब्लड से संक्रमित करने की योजना बनाई थी।
SIT द्वारा पुलिस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी
पुलिस इंस्पेक्टर इयान रेड्डी को गिरफ्तार किया गया है, जो वर्तमान में कर्नाटक के हेब्बागोडी पुलिस स्टेशन में तैनात थे। SIT की टीम ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है और एचआईवी संक्रमित ब्लड से जुड़ी साजिश के पहलुओं की जांच करने की योजना बनाई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इयान रेड्डी का नाम तब सामने आया जब बीजेपी विधायक मुनिरत्ना नायडू के करीबी सहयोगियों से पूछताछ की गई। रेड्डी पिछले एक साल से हेब्बागोडी पुलिस स्टेशन में तैनात थे और इससे पहले वह पीन्या, राजगोपालनगर और यशवंतपुर पुलिस स्टेशनों में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। इन क्षेत्रों में मुनिरत्ना नायडू का विधानसभा क्षेत्र आरआर नगर आता है, और माना जा रहा है कि इन दोनों के बीच मजबूत राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध थे।
साजिश का खुलासा
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब बीजेपी विधायक मुनिरत्ना नायडू के खिलाफ एक रेप मामले में पूछताछ की गई। विधायक पर आरोप है कि वह एचआईवी संक्रमित महिला का इस्तेमाल अपने विरोधियों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए करते थे। इसके तहत, मुनिरत्ना और पुलिस इंस्पेक्टर इयान रेड्डी ने मिलकर योजना बनाई थी कि वे विधानसभा में नेता विपक्ष आर. अशोक को एचआईवी संक्रमित ब्लड से संक्रमित कर देंगे। इस संदर्भ में एक बयान सामने आया है, जिसमें पूर्व पार्षद वेलु नायकर ने कहा कि उनकी मौजूदगी में इयान रेड्डी और मुनिरत्ना ने एक युवक को झांसा देकर उसे यह काम करने के लिए मनाने की कोशिश की थी। नायकर पहले मुनिरत्ना के सहयोगी थे, लेकिन बाद में वे उनसे अलग हो गए थे।
मुनिरत्ना नायडू के खिलाफ अन्य आरोप
बीजेपी विधायक मुनिरत्ना नायडू पर यह अकेला आरोप नहीं है। कर्नाटक के रामनगर जिले के कग्गलियापुरा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक गंभीर रेप मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में मुनिरत्ना पर आईपीसी की कई गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें 354A (यौन उत्पीड़न), 376 (बलात्कार), 506 (धमकी), 504 (अपमान), 120B (साजिश), 149 (गुंडागर्दी), 384 (जबरन वसूली), 406 (धोखाधड़ी), 308 (हत्या की कोशिश) और अन्य आरोप शामिल हैं। पीड़ित महिला ने दावा किया था कि मुनिरत्ना ने उसे अपने जाल में फंसाया और कई बार उसके साथ बलात्कार किया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि मुनिरत्ना ने उसका इस्तेमाल एक अन्य व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए किया था, जो एक पूर्व पार्षद का पति था।
मुनिरत्ना के खिलाफ पहले भी थे विवाद
बीजेपी विधायक मुनिरत्ना नायडू का नाम पहले भी विवादों में रह चुका है। वे जातिवादी गालियां देने के आरोप में न्यायिक हिरासत में भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन पर एक ठेकेदार को धमकाने और जातिवादी गाली देने का आरोप भी लगा था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। मुनिरत्ना की साख पहले से ही खराब है, और अब इस एचआईवी संक्रमित ब्लड की साजिश ने उनके खिलाफ और भी गंभीर आरोपों की झड़ी लगाई है।
नेता विपक्ष आर. अशोक का राजनीतिक कद
नेता विपक्ष आर. अशोक कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के प्रमुख नेता हैं। वह सात बार के विधायक हैं और 2012 से 2013 तक कर्नाटक के डिप्टी सीएम रह चुके हैं। उन्होंने गृह, राजस्व, नगरपालिका प्रशासन, परिवहन और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी निभाई है। बीजेपी ने नवंबर 2023 में उन्हें कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष के रूप में चुना था। आर. अशोक की स्थिति कर्नाटक की राजनीति में मजबूत है और उनकी साख को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह की साजिश रचना गंभीर परिणामों का कारण बन सकती है।
मामला तूल पकड़ रहा है
यह मामला कर्नाटक की राजनीति में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है और एसआईटी की जांच इस मामले के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने का प्रयास कर रही है। यह साजिश न केवल कर्नाटक के राजनीतिक माहौल को हिला रही है, बल्कि पुलिस महकमे की साख पर भी सवाल उठा रही है। पुलिस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी और मुनिरत्ना के खिलाफ चल रही जांच कर्नाटक की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। एसआईटी द्वारा मामले की गहन जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस साजिश के पीछे कौन-कौन लोग शामिल थे और किस हद तक यह राजनीतिक षड्यंत्र फैल चुका था। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक नया संकट खड़ा कर दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर इस मामले में और कौन से खुलासे होते हैं।