कारगिल में शहीद होने वाला सबसे कम उम्र का योद्धा था ये जवान

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2019 - 03:45 PM (IST)

नई दिल्ली: सन् 1999 16 जुलाई... ये वो तारीक है जिसे देश का कोई भी व्यक्ति चाह कर भी नहीं भूला सकता। इस दिन हमारे वीर जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाकर तिरंगा लहराया था। कश्मीर के कारगिल में पाक समर्थित घुसपैठियों और पाकिस्तानी सेना घुसपैठ करने में कामयाब हो गई थी। जब भारतीय सेना को इसकी जानकारी हुई तो सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ का प्लान तैयार कर घुसपैठियों को खदेड़े को आतूर हो गए। साल 1999 के मई महीने में शुरू हुआ युद्ध दो महीने तक चला। इस दौरान देश के कई सिपहियों ने अपनी जान की बलि दी।

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 कारगिल विजय दिवस के मौके पर हम आपको एक ऐसे वीर सिपाही के बारे में बताने जा रहे है जो इस  युद्ध में सबसे कम उम्र में शहीद होने वाला जवान कहलाया था। 1999 में ऑपरेशन विजय के तहत करीब 18000 फीट की ऊचांई पर कारगिल में पाकिस्तान के साथ लड़ाई लड़ी गई थी। इस जंग में  527 जवान शहीद हुए थे। इन्हीं में से एक थे मनजीत सिंह जो कारगिल में शहीद होने वाले सबसे कम उम्र के जवान थे। 

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मनजीत फरीदाबाद के बराड़ा गांव के रहने वाले थे। शहीद मनजीत सिंह के पिता गुरचरण सिंह एक किसान थे। मनजीत सिंह हरजीत सिंह और दलजीत सिंह तीनों भाईयों में से मनजीत की इच्छा सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने की थी। गुरचरण सिंह ने उन्हें 1998 में रैजीमैंट अल्फआ कम्पनी में भर्ती करवा दिया था। 


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सेना में भर्ती होने के करीब डेढ़ साल बाद ही कारगिल युद्ध  हो गया। मनजीत सिंह की ड्यूटी कारगिल में लगा दी गई।7 जून 1999 में टाईगर हिल में दुश्मनों का डटकर सामना करते हुए मनजीत सिंह शहीद हो गए। उनकी मां का कहना है कि मनजीत सिंह को बड़े चाव से सेना में भर्ती करवाया गया था।लेकिन वो हमें इतना जल्दी छोड़कर चला जाएगा इस बात का हमें अंदाजा भी नहीं था। शहीद मनजीत सिंह महज 17 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हो गए थे और महज 18 वर्ष की आयु में ही वो शहीद हो गए। 

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Edited By

Anil dev

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