नहीं रहे अयोध्या में Ram Mandir निर्माण की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 10:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व बिहार विधान परिषद सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। वे पिछले कई दिनों से बीमार थे और दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

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राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका

कामेश्वर चौपाल का अयोध्या के राम मंदिर से गहरा नाता था। 1989 में हुए राम मंदिर शिलान्यास में पहली ईंट रखने का सम्मान उन्हें ही मिला था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने उन्हें "प्रथम कारसेवक" का दर्जा दिया था। इस घटना के बाद वे पूरे देश में चर्चित हो गए।

संघ से जुड़ाव और राजनीतिक सफर

कामेश्वर चौपाल का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था और उनकी पढ़ाई भी वहीं हुई। वे कॉलेज के दिनों में RSS के संपर्क में आए, जहां उनके एक शिक्षक संघ से जुड़े हुए थे। उनकी मदद से चौपाल को कॉलेज में दाखिला मिला। पढ़ाई खत्म करने के बाद वे पूरी तरह से संघ के कार्यों में समर्पित हो गए। राजनीति में भी उनका बड़ा योगदान रहा। वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े रहे और दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। 1991 में उन्होंने रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था।

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दलित समुदाय के प्रतिष्ठित नेता

कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय से आते थे और संघ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चुनिंदा दलित नेताओं में से एक थे। राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बना दिया था।

अयोध्या के राम मंदिर से अमिट रिश्ता

राम मंदिर आंदोलन में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। राम मंदिर के शिलान्यास में पहली ईंट रखने का सम्मान मिलने के कारण वे राम जन्मभूमि आंदोलन का एक महत्वपूर्ण चेहरा बन गए थे। उनकी विरासत राम मंदिर आंदोलन के इतिहास में हमेशा जीवित रहेगी।


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Content Editor

Parminder Kaur

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