माझी ने बताया, क्यों पत्नीं का शव ढ़ोने को हुआ मजबूर?

punjabkesari.in Saturday, Aug 27, 2016 - 07:48 PM (IST)

नई दिल्ली: पूरी मानवता को शर्मसार कर देने वाली कालाहांडी में मरी हुई पत्नी की लाश को 12 किलोमीटर तक ढोते हुए बेबस पति की तस्वीर ने सारे देश को हिला कर रखा दिया था लेकिन अब इस मामलें में पति दाना माझी ने जो बयान दिया है वह काफी चौंकाने वाला है। 

 
किसी से मदद नहीं मांगी थी: माझी
माझी ने खुद सामने आकर बयान दिया कि उसने किसी से मदद नहीं मांगी थी। उसने कहा कि उसकी हालत उस वक्त बहुत दयनीय थी और उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। माझी ने बताया कि उसने खुद किसी से मदद नहीं मांगी थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने हॉस्पिटल प्रशासन में से किसी को भी सूचित नहीं किया था और अपनी पत्नी की लाश लेकर वह चुपचाप निकल पड़ा था। यहां तक कि उसने गांव तक पत्नी के शव को ले जाने के लिए भी किसी ग्रामीण से भी मदद नहीं मांगी थी।  
 
पत्नी की मौत के बाद दिमाग ने काम करना बंद कर दिया
मांझी ने कहा कि मेरी पत्नी की मौत सुबह 2 बजे हुई। जब मुझे पता चला कि अब वह जीवित नहीं बची है तो मेरा दिमाग काम करना बंद कर दिया था और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। मैंने हॉस्पिटल में बिना किसी को कुछ बताए शव को घर तक कंधे पर ले जाने का फैसला किया। मैंने हॉस्पिटल से भी अपनी पत्नी के शव को ले जाने के लिए वाहन की मांग नहीं की थी।

क्या था मामला
बता दें कि बुधवार को कालाहांडी से ऐसी ही घटना की तस्वीर सामने आई थी। यहां दाना माझी नाम के आदिवासी की पत्नी अमंग देई की भवानीपटना अस्पताल में टीबी से मौत हो गई थी। उसे भी महापरायण एंबुलेंस नहीं मिली तो कंधे पर ही अपनी बीवी की लाश लेकर वह चल दिया था। उसके साथ 12 साल की बेटी भी थी। करीब 12 किलोमीटर वह लाश को ले गया। उसके बाद लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने डीएम को फोन किया और फिर दाना माझी को बीवी की लाश ले जाने के लिए एंबुलेंस मिल सकी थी।
 
 
 
 

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