जेपी मॉर्गन भारत में कॉर्पोरेट बैंकिंग को कर रहा मजबूत, इलेक्ट्रिक वाहन और सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित

punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 03:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क : जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी भारत में अपनी कॉर्पोरेट बैंकिंग उपस्थिति को मजबूत कर रहा है और इलेक्ट्रिक वाहन, डेटा सेंटर तथा सौर ऊर्जा जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है। ये क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि कंपनियाँ पूंजीगत व्यय बढ़ा रही हैं।

अमेरिकी बैंक के एशिया प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक कॉर्पोरेट बैंकिंग के सह-प्रमुख ओलिवर ब्रिंकमैन ने मुंबई में एक साक्षात्कार के दौरान कहा, “जैसे-जैसे मांग में स्थिरता आएगी, पूंजीगत निवेश भी शुरू होगा।” उन्होंने बताया कि भारत और जापान बैंक के सबसे तेजी से बढ़ते एशियाई बाजार हैं, जहां कॉर्पोरेट बैंकिंग से होने वाली आय में निरंतर वृद्धि हो रही है।

हालांकि, अमेरिका द्वारा कई भारतीय आयातों पर टैरिफ बढ़ाने से कुछ चिंता बनी हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि ये टैरिफ श्रम-प्रधान उद्योगों को प्रभावित कर सकते हैं और आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी कर सकते हैं। इसके बावजूद, ब्रिंकमैन ने कहा कि जेपी मॉर्गन भारत में अपने दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण पर कायम है और पिछले दो-तीन वर्षों में बैंक की स्थानीय कॉर्पोरेट बैंकिंग का राजस्व 30% से अधिक बढ़ा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की जून में जारी रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों में भारतीय कंपनियों का पूंजीगत व्यय $800 बिलियन से $850 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछले पांच वर्षों की तुलना में दोगुना है।

ब्रिंकमैन ने कहा, “हम स्थायी ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, विविध उद्योगों और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में अपनी कॉर्पोरेट बैंकिंग उपस्थिति को विस्तार देना चाहते हैं।” इसके लिए बैंक भारत में अपनी टीम का विस्तार भी कर रहा है। जेपी मॉर्गन भारत में लगभग 1,900 ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है, जिसमें $300 मिलियन से $2 बिलियन के बीच राजस्व वाली मिड-कैप और लार्ज-कैप कंपनियाँ शामिल हैं। इसके साथ ही, बैंक स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न कंपनियों पर भी विशेष ध्यान दे रहा है।

भारत में जेपी मॉर्गन का कारोबार वाणिज्यिक और निवेश बैंकिंग, भुगतान सेवाएँ और प्रतिभूति सेवाओं तक विस्तृत है। कंपनी के मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में कॉर्पोरेट केंद्र हैं, जो वैश्विक स्तर पर 55,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ तकनीकी और व्यावसायिक समर्थन प्रदान करते हैं। भारत में कॉर्पोरेट बैंकिंग के अवसरों के बावजूद प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है। बैंक ऑफ अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि घरेलू मांग और वैश्विक व्यापार की अनिश्चितता के कारण कंपनियाँ बड़े निवेश के फैसले फिलहाल टाल रही हैं।

वहीं, ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप और सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप ने 2020 से 2024 के बीच भारतीय उधारकर्ताओं के लिए विदेशी मुद्रा ऋण में अमेरिकी ऋणदाताओं से बेहतर पकड़ बनाई है। इस वर्ष जेपी मॉर्गन विदेशी ऋणदाताओं की लीग तालिका में 18वें स्थान पर है।


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Content Editor

Shubham Anand

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