7000 रुपए से 900 करोड़ तक का सफर, चंद्रबाबू नायडू बने देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री , ADR रिपोर्ट में खुलासा
punjabkesari.in Sunday, Aug 24, 2025 - 04:07 AM (IST)

नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) की भारत के सबसे अमीर मुख्यमंत्रियों की वार्षिक सूची में शीर्ष पर हैं। उनकी घोषित 931 करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिकांश हिस्सा उनके परिवार की एक विशुद्ध डेयरी रिटेल कंपनी में हिस्सेदारी से आया है, जिसकी स्थापना उन्होंने 33 साल पहले बिना किसी सरकारी सहायता के की थी। मुख्यमंत्रियों द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव से पहले दायर हलफनामों पर आधारित एडीआर की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सूची में सबसे नीचे रखा गया है।
नायडू के पास ‘हेरिटेज फूड्स लिमिटेड' में कोई शेयर नहीं है। दूध और डेयरी उत्पाद की खुदरा विक्रेता ‘हेरिटेज फूड्स लिमिटेड' की स्थापना 1992 में मात्र 7,000 रुपये की प्रारंभिक पूंजी के साथ की गई थी जो 1994 में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई थी। नायडू की पत्नी भुवनेश्वरी नारा के पास कंपनी की 24.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसे आंध्र के मुख्यमंत्री की संपत्ति में गिना जाता है। नारा परिवार (प्रवर्तक) के पास हेरिटेज फूड्स का कुल 41.3 प्रतिशत हिस्सा है, जिसका पूंजीगत बाजार मूल्य 1995 के मात्र 25 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,381 करोड़ रुपये हो गया है (बीएसई पर शुक्रवार को शेयरों के बंद होने के भाव के आधार पर)।
जून 2024 के दौरान पूंजीगत बाजार मूल्य अपने अब तक के उच्चतम स्तर 6,755 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसमें 1,81,907 शेयरधारक थे जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। संदर्भ को समझाते हुए हेरिटेज फूड्स के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी विशुद्ध रूप से डेयरी उत्पादों की खुदरा विक्रेता है और बुनियादी ढांचे जैसे किसी ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट' (सांठगांठ वाले पूंजीवाद) क्षेत्र में नहीं है। एक खुदरा कंपनी, जिसे कोई सरकारी सब्सिडी या अन्य सहायता नहीं मिलती, तभी आगे बढ़ सकती है जब उसके उत्पादों को जनता द्वारा स्वीकार किया जाए। और यह कंपनी तब स्थापित हुई थी जब नायडू केवल एक विधायक थे।
कंपनी के ‘स्टॉक एक्सचेंजों' में सूचीबद्ध होने के काफी समय बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक की शुरुआत में संयुक्त आंध्र प्रदेश में नायडू का गृह जिला चित्तूर राज्य का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक जिला था। हेरिटेज ने 1993 में अपना परिचालन शुरू किया और अगले वर्ष आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाया। यह 54 गुना अधिक अभिदानित हुआ और इसके शेयर बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध हुए। आईपीओ से 6.50 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई। अपने परिचालन के पहले वर्ष के दौरान, हेरिटेज फूड्स ने 1.60 करोड़ रुपये के निवेश से चित्तूर में अपनी पहली दूध शीतलन इकाई स्थापित की।
उन्होंने बताया कि इसने प्रतिदिन 19,000 लीटर दूध का प्रसंस्करण किया और अपने परिचालन के पहले वर्ष में 4.36 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जबकि इसका लाभ (पीएटी) 19 लाख रुपये था। कंपनी का कारोबार वित्त वर्ष 2000 (अप्रैल 1999 से मार्च 2000 वित्तीय वर्ष) तक 100 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2008 तक 500 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2011 तक 1,000 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2016 तक 2,000 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023 तक 3,000 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 तक 4,000 करोड़ रुपये को पार कर गया।
कंपनी की कुल संपत्ति 9.99 करोड़ रुपये (1994) से बढ़कर 972 करोड़ रुपये (2025) हो गई। भुवनेश्वरी के नेतृत्व में ‘हेरिटेज फूड्स' ने अन्य राज्यों में भी विस्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि नौ राज्यों के लगभग तीन लाख डेयरी किसान इस कंपनी से जुड़े हैं। हेरिटेज दूध और दुग्ध उत्पाद अब 17 राज्यों में उपलब्ध हैं। ‘हेरिटेज फूड्स' भारत में डेयरी क्षेत्र के उल्लेखनीय विकास में एक गौरवशाली भागीदार है, जो 1997 से दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है।