पहले भी हुई हैं सामूहिक आत्महत्याएं जिसमें चली गई थी 913 लोगों की जान

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 12:36 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा राजधानी के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11  सदस्यों की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत की जांच करेगी।पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।पुलिस ने बताया कि दस शव फंदे से लटके मिले और इनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी जबकि 77 वर्षीय एक महिला का शव फर्श पर पड़ा हुआ था। मृतकों में दो नाबालिग थे।  यह एक खतरनाक सामूहिक आत्महत्या की घटना है जो सामने आई है। लेकिन केवल बुराड़ी वाली घटना ही नहीं है जिसमें दर्दनाक सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया गया हो। आज हम ऐसी कुछ सामूहिक आत्महत्या की घटनाओं के बारे में आपको बताएंगे जिसने मानवता की रूह को पूरी तरह से कपने पर मजबूर कर दिया।

913 लोगों ने जब एक साथ पिया जहरीला जूस
आज से करीब 40 साल पहले 1978 में  जोन्सटाउन में सबसे दर्दनाक सामूहिक आत्महत्या की घटना  सामने आई थी। दक्षिण अमेरिका के गुयाना के जोन्सटाउन में एक पीपल्स टेंपल बनाया गया था जहां 913 लोगों की एक साथ जहरीले जूस पीने से मौत हो गई। इनमें से 226 तो सिर्फ मासूम ही थे। इस मामले में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक एक धार्मिक संस्था के नेता जिम जोन्स ने जरूरतमंदों की सहायता करने के नाम पर लोगों को एक साथ इकट्ठा किया था। परंतु बाद में असली वजह सामने आई कि लोगों को जबरदस्ती वहां रखा गया है। इसके बाद एक जनप्रतिनिधि को मंदिर का दौरा करने  को लेकर मार  दिया गया। इसके बाद जिम जोन्स ने लोगों के बीच इस तरह की बात फैला दी कि उन्हें पकड़ा जाएगा और टॉर्चर भी किया जाएगा। खुद जोन्स गोली लगने से मरा। लेकिन इस बात को लेकर कुछ हिस्सों में यह विवाद भी जारी है कि यह सही में सामूहिक आत्महत्या है या फिर हत्या।

UFO में विश्वास करना बना मौत की वजह
1997 के मार्च के अंदर कैलिफॉर्निया में 39 लोगों ने एक ही कपड़े और जूते पहनकर आत्महत्या की थी। इन लोगों का हैवेन्स गेट नाम के एक समूह से संबंध था जो UFO में काफी विश्वास रखते थे। उनको  इस बात पर विश्वास था कि वह धरती छोड़कर आसमान में एक अलौकिक दुनिया में चले जाएंगे।

जर्मनी के लोगों को सताया आर्मी डर
दूसरे विश्वयुद्ध के समाप्त होने के समय जर्मनी के डेमिन में कई सौ लोगों ने आत्महत्या कर मौत को गले लगा लिया था। उन्हें ऐसा पकड़े जाने के डर से किया था। उन्हें यह डर सता रहा था कि पकड़े जाने पर सोवियत रेड आर्मी उन्हें प्रताड़ित करेगी और मार देगी। इसमें आत्महत्या करने वालों की संख्या 700 से 1 हजार के बीच की बताई जा रही है।

नए ग्रह पर जाने के चलते लगाया मौत को गले
वहीं, 1994 में सोलर टेंपल नाम के समूह से जुड़े 48 लोगों ने स्विटजरलैंड में सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। बाद में इस मामले को लेकर पता चला कि इस समूह के नाम पर स्विटजरलैंड, फ्रांस और कनाडा में काफी प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हैं। साथ ही यह भी बात सामने आई कि समूह मनी लॉन्ड्रिंग और आर्म्स ट्रैफिकिंग में भी शामिल रहा है। हालांकि, समूह ये दावा करता था कि वे धरती की त्रासदियों से तंग आकर नए ग्रह पर जा रहे हैं।


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Anil dev

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