अमेरिका में भारतीय छात्र को कोर्ट ने बचाया, ट्रंप प्रशासन के फैसले को दिया बड़ा झटका
punjabkesari.in Wednesday, Apr 16, 2025 - 07:25 PM (IST)

Washington: अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को 21 वर्षीय भारतीय छात्र कृष लाल इस्सरदासानी को देश से निष्कासित (डिपोर्ट) करने से अस्थायी रूप से रोक दिया है। यह फैसला विस्कॉन्सिन-मैडिसन यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र के वीजा रद्द होने के मामले में आया है।
क्या है पूरा मामला?
इस्सरदासानी 2021 से एफ-1 स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में हैं और फिलहाल अपने अंतिम सेमेस्टर में हैं। वह 10 मई 2025 को स्नातक की डिग्री पूरी करने वाले हैं। कोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार, उनकी अकादमिक स्थिति बेहतर रही है और वह नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहते थे। हालांकि, नवंबर 2024 में एक बार से लौटते समय दोस्तों के साथ उनकी एक अन्य समूह से बहस हो गई थी, जिस कारण उन्हें "खराब आचरण" के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लेकिन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने मामले को आगे न बढ़ाने का फैसला किया, और उन्हें अदालत में पेश नहीं होना पड़ा।
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बिना चेतावनी वीजा रद्द
इस घटना के कई महीने बाद, 4 अप्रैल 2025 को विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल स्टूडेंट सर्विसेज (ISS) कार्यालय ने उन्हें सूचित किया कि उनका ‘SEVIS’ रिकॉर्ड समाप्त कर दिया गया है जिसका मतलब है कि अब उनका वीजा वैध नहीं रहा। SEVIS एक सरकारी प्रणाली है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों की निगरानी करती है।आपराधिक रिकॉर्ड की जांच में नाम आना और वीजा की स्थिति बनाए न रखना वजह बताई गई। हालांकि, इस्सरदासानी को न तो पहले कोई चेतावनी दी गई, न ही अपना पक्ष रखने का मौका मिला।
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कोर्ट ने कहा- नहीं दिया गया सुनवाई का मौका
अदालत ने माना कि छात्र को अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं मिला और न ही उन्हें इमिग्रेशन अथॉरिटी, यूनिवर्सिटी या विदेश मंत्रालय से किसी प्रकार का आधिकारिक संचार मिला। इस फैसले के बाद अब उनकी **निर्वासन प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लग गई है। बता दें कि एफ-1 वीजा अमेरिका द्वारा उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जारी किया जाता है जो किसी विश्वविद्यालय या इंग्लिश लैंग्वेज प्रोग्राम में पढ़ाई करने आते हैं।