JNU में रावण दहन पर बवाल: पुतले पर उमर खालिद और शरजील इमाम की तस्वीर, छात्रों के बीच चले जूते
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 09:45 PM (IST)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में दशहरे के मौके पर हुए रावण दहन कार्यक्रम में जमकर हंगामा हो गया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों के बीच नारेबाजी हुई और बात हाथापाई तक पहुंच गई। आरोप है कि इस दौरान छात्रों ने एक-दूसरे पर जूते-चप्पल फेंके।
ABVP बनाम लेफ्ट संगठनों में टकराव
ABVP ने आरोप लगाया है कि लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने रावण दहन के कार्यक्रम को बाधित किया और जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। ABVP नेता प्रवीण कुमार ने कहा, “रावण दहन हमेशा से हमारी सांस्कृतिक परंपरा रही है, लेकिन लेफ्ट संगठन केवल राजनीतिक कारणों से अशांति फैलाते हैं। यह छात्रों को गुमराह करने की साजिश है।”
पुतले पर उमर खालिद और शरजील की तस्वीरें
कार्यक्रम का विवाद तब और बढ़ गया जब रावण के 10 सिरों पर दिल्ली दंगों की साजिश में आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम सहित कई लोगों की तस्वीरें लगाई गईं। इसके अलावा पुतले पर उन लोगों के चेहरे भी लगाए गए, जिन्हें ABVP ने “राष्ट्रविरोधी विचारधारा” का प्रतीक बताया।
JNUSU का पलटवार: अदालत में केस लंबित
जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) ने ABVP पर गंभीर आरोप लगाए। JNUSU का कहना है कि ABVP ने जानबूझकर विवादित चेहरों को पुतले पर लगाकर राजनीति की।
छात्रसंघ ने बयान जारी कर कहा: “उमर खालिद और शरजील इमाम पिछले 5 साल से जेल में बंद हैं और अब भी ट्रायल का सामना कर रहे हैं। जब मामला अदालत में लंबित है तो ABVP किस अधिकार से उन्हें दोषी बता सकती है?”
JNUSU ने यह भी आरोप लगाया कि ABVP लगातार धर्म और त्योहारों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए करती है।
"गोडसे और राम रहीम को क्यों छोड़ा गया?"
छात्रसंघ ने ABVP से तीखे सवाल पूछे।
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“अगर ABVP सचमुच राष्ट्रभक्त है, तो उसने रावण के सिर पर नाथूराम गोडसे का चेहरा क्यों नहीं लगाया, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी?”
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“रेप और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को क्यों नहीं दिखाया गया?”
छात्रसंघ का कहना है कि ABVP केवल चुनिंदा लोगों को निशाना बनाती है और इससे उसकी राजनीतिक मंशा साफ होती है।