‘पापा की अर्थी देख बिलख-बिलख के रोई बेटी', बोली - मैं अपने पापा का पाकिस्तान से चुन-चुन कर बदला लूंगी
punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 03:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब झुंझुनूं के मेहरादासी गांव में तिरंगा लहराता हुआ पहुंचा, तो कोई जीत नहीं लौटी थी… लौटे थे वतन के लिए शहीद हुए एक बेटे, एक पति और एक पिता के पार्थिव शरीर सुरेंद्र कुमार। पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद हुए इंडियन एयरफोर्स के असिस्टेंट मेडिकल सार्जेंट सुरेंद्र कुमार को अंतिम विदाई देने उमड़ा गांव का हर शख्स नम आंखों और भारी दिल के साथ उन्हें सलाम कर रहा था।
मां बेहोश हुई, पत्नी टूटी, बच्चे बिलखते रहे
शहीद का शव जैसे ही गांव पहुंचा, चारों ओर मातम छा गया। मां की आंखें अपने लाल को आखिरी बार देखने के बाद बंद हो गईं – वह बेहोश हो गईं। पत्नी सीमा पार्थिव शरीर से लिपटकर रोती रही, मानो कुछ भी कहने के लिए शब्द कम पड़ गए हों। वहीं उनके मासूम बच्चे, जो शायद अभी मौत का मतलब तक नहीं समझते, मां से लिपटकर रोते रहे। यह नज़ारा हर किसी की आंखें नम कर गया।
Daughter of Jhunjhunu's martyr Sergeant (Medical Assistant) of Indian Air Force officer Surendra Kumar :
— Mayank (@SRDJI786) May 11, 2025
I will become a soldier like my father and avenge his martyrdom. @Dig_raw21 . pic.twitter.com/UHCfCZYHSo
बेटी ने कहा – "पापा का बदला लूंगी"
जब मीडिया ने पिता की अर्थी को निहारती उनकी छोटी बेटी से बात की, तो उसका मासूम जवाब रोंगटे खड़े कर देने वाला था। उसने कहा, "मैं अपने पापा का बदला लूंगी…"। उस बच्ची की आंखों में आंसू थे, लेकिन शब्दों में वह साहस था जो सिर्फ एक सच्चे सैनिक की औलाद में हो सकता है।
उधमपुर में हुए थे शहीद
सुरेंद्र कुमार की तैनाती जम्मू-कश्मीर के उधमपुर एयरबेस पर थी, जहां शनिवार सुबह पाकिस्तान की ओर से हुई अकारण गोलाबारी में वह वीरगति को प्राप्त हुए। उनके बलिदान की खबर के साथ ही राजस्थान के झुंझुनूं जिले में शोक की लहर दौड़ गई थी।
गूंजे नारे, गूंजे आंसू
अंतिम यात्रा में पूरे गांव ने 'भारत माता की जय' और 'सुरेंद्र कुमार अमर रहें' के नारों के साथ उन्हें विदाई दी। हर तरफ आंखों में आंसू थे और दिल में गर्व। गांव के लोग, सेना के अधिकारी, जनप्रतिनिधि – हर कोई वहां मौजूद था, एक सच्चे सपूत को सलाम करने।