बिना नाम लिए रवि किशन पर जया बच्चन का हमला, कहा- जिस थाली में खाते हैं, उसी में करते हैं छेद

punjabkesari.in Tuesday, Sep 15, 2020 - 12:39 PM (IST)

नई दिल्ली: फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर नाराजगी जताते हुए समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में किसी भी संकट के दौरान सहायता में कभी पीछे नहीं रहने वाला यह उद्योग सराहना का हकदार है। उन्होंने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि दुख की बात यह है कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं। जया ने कहा कि केवल कुछ लोगों की वजह से आज मनोरंजन उद्योग आलोचना का शिकार हो रहा है जो हर दिन करीब पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष और करीब 50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देता है। 

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जया ने कहा कि लाकडाउन के दौरान कुछ ऐसे हालात हुए कि मनोरंजन जगत सोशल मीडिया पर बुरी तरह आलोचना का शिकार होने लगा और उसे गटर कहा जाने लगा। यह सही नहीं है। ऐसी भाषा पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, देश पर आने वाले किसी भी संकट के दौरान उसकी सहायता करने में यह उद्योग कभी पीछे नहीं रहा। राष्ट्रीय आपदा के दौरान इस उद्योग ने हरसंभव मदद की है। यहां अत्यधिक कर देने वाले लोग रहते हैं। इस उद्योग ने अपना एक नाम और पहचान अपने बूते हासिल किया है।  जया ने कहा कि कल दूसरे सदन में एक सदस्य ने फिल्म उद्योग के खिलाफ बोला, जो पीडादायी था। उन्होंने कहा इस उद्योग के खिलाफ आज जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है। उस पर रोक लगनी चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। 

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भाजपा के डा विकास महात्मे ने एक वेबसीरीज में भारतीय इतिहास की विदुषी अहिल्याबाई होल्कर को कथित तौर पर अपमानित किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि वेबसीरीज के नियमन के लिए कानून बनाया जाए। महात्मे ने कहा वर्जिन भास्कर नामक इस वेबसीरीज में अहिल्याबाई होल्कर को अपमाननजक तरीके से चित्रित किया गया जिससे पूरे समाज में रोष है। विवाद बढने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के हस्तक्षेप से विवादित हिस्सा निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि नाटकों और ड्रामों के लिए नियम हैं और अनुमति की जरूरत होती है लेकिन वेबसीरीज के लिए ऐसा नहीं है जबकि ज्यादातर सीरीज में असयंमित भाषा का उपयोग होता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए और इसके लिए सरकार को एक कानून बनाना चाहिए।'' कई सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। 


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Anil dev

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