Janmashtami: 'नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की', भक्तों ने धूमधाम से किया 'कान्हा' का स्वागत

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 06:00 AM (IST)

नई दिल्लीः नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...मंदिरों के कपाट खोल दिए गए हैं। बाल गोपाल का दूध से अभिषेक किया जा रहा है। मंदिरों की दीवारें बाल-गोपाल, नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे हरे, जय श्री कृष्णा के नारों से गूंज उठीं हैं। देश-दुनिया में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण के स्वागत के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर, नई दिल्ली के बिरला मंदिर, इस्कॉन मंदिर, गुजरात के द्वारका मंदिरों में भक्तों का सैलाब आ गया है। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ब्रज मंडल का कोना कोना कृष्णमय हो गया है और भक्ति यहां पर नृत्य कर रही है। मन्दिरों में लम्बी लम्बी लाइने लगी हैं। 

आज सुबह जब जन्माष्टमी की शुरूआत श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शहनाई और बम्ब वादन से हुई तो जन्मस्थान परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालु भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे। इसके बाद ही मंगला आरती हुई तथा अभिेषेक के बाद उपस्थित जनसमुदाय में चरणामृत का वितरण किया गया। जन्मस्थान परिसर के गर्भगृह को जेल का स्वरूप देना आज तीर्थयात्रियों की चर्चा का विषय बना रहा। 

विदेशी भक्तों ने निर्जला वृत रखा
विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शुरूवात पहले कान्हा की प्रिय वंशीवादन से हुई तथा बाद में शहनाई और नगाड़ी भी इसमें शामिल हो गए। प्रात:कालीन अभिषेक के बाद मन्दिर में मौजूद सभी भक्तो में चरणामृत का वितरण किया गया। शहर में रहनेवाले अधिकांश लोग इस चरणामृत को गृहण करने के बाद ही अपना वृत शुरू करते हैं। वृन्दावन के मन्दिरों में आज जन्माष्टमी मनाई गई। राधा श्यामसुन्दर मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शरूवात अखंड हरिनाम संकीर्तन से हुई। यह संकीर्तन रात 2 बजे तक अनवरत रूप से चलता रहेगा। वृन्दावन इस्कान में आज जहां विदेशी भक्तों ने निर्जला वृत रखा वहीं मंगला आरती के बाद दर्शन आरती के पहले मन्दिर के विगृहों को नई पोशाक धारण कराई गई तथा सुबह से कीर्तन चल रहा है।

उधर उत्तर को दक्षिण से जोड़नेवाले रंग जी मन्दिर में आज जन्माष्टमी का आयोजन दक्षिण और उत्तर भारत की परंपराओं को मिलाकर किया गया। मन्दिर के बाहर मंगलवार को लटठे का मेला होगा जिसमें लगभग 40 फीट ऊंचे लट्ठे पर ऊपर से तेल मिला पानी डाला जाएगा और पहलवान लोग इस पर चढ़कर सबसे ऊपर लगाए गए बर्तनों को लाने का प्रयास करेंगे।वैसे जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हर घर एक मन्दिर बन गया है तथा भजन और कीर्तन के आयोजन से वातावरण भक्ति से परिपूर्ण हो गया है।

बारिश के बावजूद उमड़ी मंदिरों में भीड़
गुजरात स्थित भगवान कृष्ण के विश्वप्रसिद्ध मंदिरों सौराष्ट्र में द्वारका के जगत मंदिर तथा मध्य गुजरात के डाकोर के रणछोड़राय जी मंदिर में सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर बारिश के बीच भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। राज्यभर में कृष्ण मंदिरों में, घर-घर में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना के लिए मनोहारी सजावट की गई है। मंदिरों में भगवान की प्रतिमा का रत्नाभूषणों, फूलों से विशेष शृंगार किया गया। श्री कृष्ण मंदिरों में आज सुबह से ही जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की जयघोष से मंदिर गूंज उठे हैं। 

द्वारका के जगत मंदिर में हर साल की तरह जन्माष्टमी के मौके पर मध्य रात्रि तक विशेष जन्मोत्सव दर्शन के दौरान भगवान को विशेष रूप से सजाया गया है। आज दर्शनार्थियों की संख्या एक लाख तक पहुंचने का अनुामन है। इसी तरह डाकोर मंदिर में भी आज कृष्ण स्वरूप रणछोड़रायजी की प्रतिमा मनोहारी श्रंगार किया गया। जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर के पट मध्यरात्रि के बाद भी खुले रहते हैं।


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Content Writer

Yaspal

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