'हम चुप रहे ताकि दिखावा कर सकें कि हम मर चुके हैं', जम्मू-कश्मीर बस हमले में जीवित बचे व्यक्ति ने सुनाई पूरी घटना

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2024 - 11:03 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हुए आतंकी हमले में जीवित बचे लोगों ने खौफनाक पल को याद करते हुए कहा कि घाटी में गिरने के बावजूद आतंकवादियों ने वाहन पर गोलीबारी जारी रखी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी लोग मारे जाएं। उन्होंने कहा कि यात्री यह दिखाने के लिए चुप रहे कि वे सभी मर चुके हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "वे 6-7 आतंकवादी थे, उनके चेहरे नकाब से ढके हुए थे। पहले उन्होंने सड़क पर बस को चारों तरफ से ढककर उस पर गोलीबारी की। जब बस गिर गई, तो वे उसकी ओर आए और सभी को मार गिराने के लिए गोलीबारी जारी रखी।"

प्रत्यक्षदर्शी ने आगे कहा, "हमने उन्हें विश्वास दिलाने के लिए चुप्पी बनाए रखी (कि वे मर चुके हैं)। यह घटना शिवखोरी (रियासी) से वैष्णो देवी के लिए शाम 6 बजे बस पकड़ने के 30 मिनट बाद हुई। हम डरे हुए थे और बस अपने घर वापस जाना चाहते थे। बस में बच्चे और महिलाएं भी थीं और सभी घायल हो गए। इस हमले के 10 से 15 मिनट बाद पुलिस और स्थानीय लोग हमें बचाने के लिए पहुंचे।" इस भयानक हमले को याद करते हुए, जीवित बचे लोगों में से एक ने कहा, "मैंने एक आतंकवादी को बस पर गोलियां चलाते देखा। वह बस के खाई में गिरने के बाद भी 20 मिनट तक उस पर गोलियां चलाता रहा।" बस के ड्राइवर को गोली लगी, जिसके कारण वह नियंत्रण खो बैठा और वाहन खाई में गिर गया।

पुलिस ने बताया कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। हमले के बाद बस खाई में गिर गई। सूत्रों ने बताया कि रियासी बस हमले में दो से तीन आतंकवादी शामिल थे। ये आतंकवादी उसी समूह का हिस्सा हैं जिसने पिछले महीने राजौरी और पुंछ में अन्य हमले किए थे। आतंकवादी घने जंगल में छिपे हुए थे और रविवार को उन्होंने बस पर घात लगाकर हमला किया।

आतंकवादियों की तलाश के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को तैनात किया गया है। वन क्षेत्र की तलाशी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जबकि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम भी अभियान में शामिल हो गई है। 

सरकारी प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी आरआर स्वैन से बात कर स्थिति का जायजा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हमले के बाद प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लगातार स्थिति की निगरानी करने और दोषियों को जल्द दंडित करने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस हमले को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल उठाने वाला बताया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है।





 


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Content Editor

Mahima

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