Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति को कितनी सैलरी मिलती है? इस्तीफे के बाद उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 10:41 AM (IST)

नई दिल्ली: भारत के उच्च संवैधानिक पदों में से एक – उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर जगदीप धनखड़ ने सभी को चौंका दिया है। उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर यह फैसला लिया, लेकिन इसके बाद से कई सवाल चर्चा में आ गए हैं। लोग जानना चाहते हैं – उपराष्ट्रपति को कितनी सैलरी मिलती है? इस्तीफे के बाद उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी? और पेंशन के तौर पर कितना भुगतान किया जाएगा? आइए, इन तमाम सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।
उपराष्ट्रपति को कितनी मिलती है सैलरी?
देश के उपराष्ट्रपति को हर महीने लगभग ₹4 लाख रुपये का वेतन दिया जाता है। यह वेतन उन्हें सिर्फ उपराष्ट्रपति के नाते नहीं, बल्कि राज्यसभा के सभापति होने के नाते भी मिलता है। दरअसल, इस पद की सैलरी और भत्ते “संसद (अधिकारियों) वेतन और भत्ता अधिनियम, 1953” के तहत निर्धारित होते हैं। वर्ष 2018 से पहले तक यह वेतन लगभग ₹1.25 लाख प्रति माह था, जिसे बाद में संशोधित किया गया था। वर्तमान वेतन में अन्य भत्ते और सुविधाएं भी शामिल होती हैं।
कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
उपराष्ट्रपति रहते हुए कई विशेष सरकारी सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें शामिल हैं:
आवास: राजधानी में विशाल सरकारी बंगला
यात्रा: देशभर में हवाई और ट्रेन यात्रा पूरी तरह निशुल्क
स्वास्थ्य सुविधा: देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज
सुरक्षा व्यवस्था: SPG/जेड प्लस जैसी श्रेणी की सुरक्षा
संचार सुविधा: मोबाइल, लैंडलाइन, इंटरनेट आदि मुफ्त
अन्य सुविधाएं: सरकारी गाड़ी, ड्राइवर, निजी सहायक आदि
इस्तीफे के बाद क्या मिलती है पेंशन और लाभ?
पद से हटने या इस्तीफा देने के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति को सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें निम्नलिखित सुविधाएं मिलती रहती हैं:
-फ्री मेडिकल फैसिलिटी (परिवार सहित)
-यात्रा भत्ता (निश्चित सीमा के तहत हवाई/रेल यात्रा)
-ऑफिस और स्टाफ की सुविधा (सीमित समय के लिए)
-सुरक्षा व्यवस्था, हालांकि इसमें समय के साथ संशोधन किया जा सकता है
-उन्हें अपना सरकारी आवास एक निर्धारित समयावधि में खाली करना होता है, जिसकी अवधि नियमों के तहत तय की जाती है।
कौन करेगा कार्यभार और अगला चुनाव कब?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद, अगला उपराष्ट्रपति चुने जाने तक कार्यभार राष्ट्रपति या राज्यसभा के उपसभापति के जिम्मे रहेगा। चुनाव प्रक्रिया की घोषणा जल्द की जाएगी, जो संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत संचालित होती है।