जम्मू कश्मीर का भारत में विलय अंतिम और पूर्ण :जितेंद्र सिंह

punjabkesari.in Monday, Oct 26, 2020 - 03:54 PM (IST)

नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर के भारत में विलय को अंतिम और पूर्ण बताते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने  कहा कि पूर्ववर्ती राज्य के विलय में देरी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जिम्मेदार थे।  राज्य मंत्री सिंह ने कहा, "अगर दो महीने से अधिक समय की देरी हुई थी तो वह महाराजा हरि सिंह की वजह से नहीं बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू की वजह से हुई थी जिनकी सोच स्पष्ट नहीं थी और वह शेख अब्दुल्ला के हिसाब से चल रहे थे।"

उन्होंने कहा कि अगर देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल को जम्मू कश्मीर की रियासत को अविभाजित भारत की अन्य रियासतों की तरह ही निपटने के लिए स्वतंत्रता प्रदान की जाती तो न केवल भारतीय उप महाद्वीप का इतिहास अलग होता बल्कि राज्य का विलय भी काफी पहले हो गया होता।

 

सिंह ने कहा,"पाकिस्तान के अनधिकृत कब्जे वाला जम्मू कश्मीर का हिस्सा (पीओके) भी स्वतंत्र भारत का हिस्सा होता।" उन्होंने कहा कि इतिहास ने महाराजा हरि सिंह के साथ न्याय नहीं किया और आज के बदले हालात में भविष्य की पीढ़ियों के लिए सारे संशय दूर हो जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इतिहासकारों को इस बात पर ध्यान केंद्रित करना होगा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने अपने ही गृह मंत्री सरदार पटेल के अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ करके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन क्यों किया।

जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य सिंह ने कहा,"वास्तविकता यह है कि अंतत: सरदार पटेल के हस्तक्षेप से श्रीनगर में भारतीय बल पहुंचे और राज्य के अन्य हिस्सों को भी पाकिस्तान के कब्जे में जाने से बचाया गया।" उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने महाराजा हरि सिंह के साथ स्वतंत्र और खुली चर्चा के बजाय अब्दुल्ला के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत का रास्ता अपनाया।
 


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Monika Jamwal

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