भारतीयों के लिए गर्मियों में यूरोप जाना हुआ मुश्किल, बिना कारण शेंगेन वीजा में देरी से बढ़ी परेशानियां

punjabkesari.in Monday, May 13, 2024 - 10:37 AM (IST)

नेशनल डेस्क: गर्मियों के मौसम में यूरोप घूमने जाने वाले कई भारतीयों को इस बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूरोप अपने नए वीजा नियमों के माध्यम से शेंगेन देशों में जहां भारतीयों के लिए एकाधिक प्रवेश को बढ़ावा दे रहा है, वहीं दूसरी ओर वीजा अनुमोदन पर अनिश्चितता और बिना किसी वैध कारण के वीजा से इनकार ने यात्रियों को नाराज और चिंतित कर दिया है। ये साल का वह समय जब ज्यादातर भारतीय टूरिस्ट शेंगेन कंट्री यानी यूरोप के देशों में जाने के लिए वीजा लेते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल वीजा का ज्यादा वेटिंग टाइम, प्रोसेस में लगने वाला टाइम, वीजा मिलने का मौका और वैलिड कारण के बिना वीजा नहीं मिलने से ज्यादातर टूरिस्ट परेशान हैं।

पत्नी को घूमने के लिए दिया वीजा, पति को इनकार  
एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसे कपल का जिक्र किया गया है जो साल में 2 से 3 बार यूरोप घूमने जाते हैं। इस बार ग्रीस जाने का प्लान तैयार किया लेकिन उनमें से एक को वीजा नहीं मिलने पर वह काफी परेशान हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि ये बहुत हास्यास्पद है कि मेरा वीजा खारिज कर दिया गया और मेरी पत्नी को वीज मिल गया। यह साफ तौर पर गलती के कारण हुआ जिसके कारण उन्हें 6000 यूरो का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि वह 72 साल के हैं और एचएनआई कैटेगरी में आते हैं।

40-45 देशों की कर चुके हैं यात्रा
वह लगभग 40-45 देशों में घूम चुके हैं। उन्होंने कहा कि वीजा रिजेक्ट करने का कारण सही नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका इरादा वहां बसने का नहीं था। वीजा के लिए उन्होंने कन्फर्म होटल बुकिंग, रिटर्न फ्लाइट टिकट सभी दिये थे। यहां भारत में मेरा परिवार है, मेरे बच्चे हैं, मेरा घर है, इसलिए मेरे पास टूरिज्म के अलावा यूरोप जाने का और कोई कारण नहीं था। उन्होंने कहा कि शेंगेन वीजा नियम भारतीय यात्रियों के लिए अनुकूल नहीं हैं। वे होटल और फ्लाइट बुकिंग की वैरिफिकेशन के बिना आवेदन नहीं लेते हैं। जब वीजा मिलने की कोई गारंटी नहीं है तो वे बुकिंग के लिए पेमेंट करने के लिए कैसे कह सकते हैं?

यूरोप का वीजा न मिलने की वजह
वीजा प्लेटफॉर्म एटलस के फाउंडर मोहक नाहटा ने कहा कि भारतीय शेंगेन देशों की गर्मियों का प्लान कर रहे हैं तो उन्हें वीजा के लिए अपॉइंटमेंट नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई कनेक्टिविटी के कारण शेनजेन देशों में ट्रैवल करना आसान हो गया है। लेकिन इससे वीजा को लेकर अनिश्चितता बढ़ने लगी है। ज्यादातर वीजा रिजेक्ट कर दिये जाते हैं। कई बार वीजा रिजेक्ट करने का कारण भी साफ नहीं लिखा होता है। आमतौर पर वीजा 35 से 40 दिन में मिलता है। अगर आप अप्रैल में अप्लाई करते हैं तो जून में मिलता है। नाहटा ने कहा कि 2022-23 के डाटा से पता चलता है कि शेंगेन देशों के लिए पांच में से एक भारतीय यात्री का वीजा खारिज हो जाता है।


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Content Editor

Mahima

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