Israel-Iran War: पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्या पड़ेगा असर, महंगाई बढ़ने का खतरा?
punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 11:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बीते दो दिनों से इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने न सिर्फ राजनीतिक माहौल को तनावपूर्ण बनाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में भी भारी उछाल देखा जा रहा है। भारत समेत पूरी दुनिया के लिए यह चिंता का विषय बन गया है कि क्या इस युद्ध के कारण घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी और महंगाई पर इसका क्या असर होगा।
इजरायल के हमलों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी
12 जून को इजरायल ने ईरान के चार प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतें लगभग 7 से 10 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। फिलहाल कच्चे तेल की कीमत लगभग 78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है, जो युद्ध शुरू होने से पहले के मुकाबले काफी ज्यादा है। अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत भी बढ़कर 74 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी है।
ईरान की भू-राजनीतिक अहमियत और तेल सप्लाई पर खतरा
ईरान विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है, और उसकी भौगोलिक स्थिति बेहद महत्वपूर्ण है। खाड़ी क्षेत्र से होकर गुजरने वाला तेल का मुख्य मार्ग है, जिसके जरिए सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों से यूरोप और एशिया को तेल सप्लाई होता है। यदि ईरान तनाव के चलते इस मार्ग को ब्लॉक कर देता है, तो विश्व की करीब 20 प्रतिशत तेल सप्लाई प्रभावित हो सकती है। इससे तेल की कीमतें और भी तेजी से बढ़ने की संभावना है।
भारत में पेट्रोल-डीजल की मौजूदा कीमतें और संभावित बदलाव
अभी भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं:
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते भारत में भी जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि सरकार इस मामले में कदम उठा सकती है ताकि आम जनता पर प्रभाव कम से कम पड़े।
शहर पेट्रोल (प्रति लीटर) डीजल (प्रति लीटर)
दिल्ली ₹94.72 ₹87.62
मुंबई ₹103.44 ₹89.97
कोलकाता ₹103.94 ₹90.76
चेन्नई ₹100.75 ₹92.34
भोपाल ₹106.47 ₹91.84
रायपुर ₹100.39 ₹93.33
जयपुर ₹104.88 ₹90.36
चंडीगढ़ ₹94.24 ₹82.40
महंगाई पर प्रभाव: क्या बढ़ेगा दाम?
तेल की कीमतों में वृद्धि से न केवल ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन और उत्पादन लागत बढ़ने से खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर भी असर पड़ता है। इससे महंगाई दर बढ़ सकती है, जो आम आदमी की जेब पर भारी पड़ता है।