भारत ने UN में फिर पाक को लताड़ा, कहा- सर्वाधिक आतंकियों को पनाह देने में माहिर है PAK

punjabkesari.in Sunday, Mar 05, 2023 - 04:12 PM (IST)

जिनेवा: भारत ने  UNSC  में  आतंकवाद को लेकर एक बार  फिर पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। भारत ने पाकिस्तान के ‘‘दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार'' को लेकर उसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा घोषित सर्वाधिक संख्या में आतंकवादियों को अपने यहां शरण देने की एक ‘‘अनूठी विशिष्टता'' प्राप्त है और इसकी नीतियां विश्व में हजारों लोगों की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। जिनेवा में, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC ) में पाकिस्तान के बयान पर जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि जब  पाकिस्तान  पूरी तरह से अपने आवाम का दमन नहीं कर रहा होता तो   तर्राष्ट्रीय आतंकियों को पनाह देने और उकसाने में अपनी पूरी ऊर्जा सक्रियता से झोंकता है।

 

UNHRC में भारत के स्थायी मिशन में सचिव सीमा पुजानी ने कहा, ‘‘इसे (पाकिस्तान को) UNSC द्वारा घोषित सर्वाधिक संख्या में आतंकवादियों और आतंकी संगठनों की मेजबानी करने की अनूठी विशिष्टता प्राप्त है।  ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान की शीर्ष सैन्य अकादमी के ठीक सामने स्थित एक परिसर में छिपा हुआ था। इसकी सुरक्षा एजेंसियों ने हाजिफ सईद और मसूद अजहर को दशकों तक सहायता मुहैया की और पनाह दी।'' उन्होंने पाकिस्तान के बयान के जवाब में कहा, ‘‘आतंकवाद को समर्थन देने के पाकिस्तान के इतिहास के ये कुछ दुर्दांत उदाहरण भर हैं। पाकिस्तान की नीतियां विश्व भर में हजारों लोगों की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।''

 

पुजानी ने कहा कि जब पाकिस्तान की आबादी अपने जीवन, आजीविका और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे में इस पड़ोसी देश का भारत के प्रति यह रवैया वहां की सरकार की गुमराह प्राथमिकताओं का संकेत है। उन्होंने कहा कि इसके नेताओं और अधिकारियों को भारत के खिलाफ ‘‘बेबुनियाद दुष्प्रचार'' करने के बजाय अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अपने लोगों के फायदे के लिए करना चाहिए। पुजानी ने पाकिस्तान में लोगों की गुमशुदगी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि छात्र, चिकित्सक, इंजीनियर, शिक्षक और समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं को नियमित रूप से वहां की सरकार लापता कर रही है। उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले दशक में, लोगों की गुमशुदगी की पड़ताल के लिए गठित पाकिस्तान के अपने ही जांच आयोग को 8,463 शिकायतें मिली थीं।  बलोचिस्तान के लोग इस निर्मम नीति का दंश झेल रहे हैं।''

 

अपने बयान में पुजानी ने संयुक्त राष्ट्र सत्र में तुर्किये के एक बयान को लेकर भी खेद जताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के एक आतंरिक विषय पर तुर्किये द्वारा की गई टिप्पणी पर खेद जताते हैं और उसे हमारे आतंरिक विषयों पर इस तरह की टिप्पणी करने से दूर रहने की सलाह देते हैं।'' पुजानी ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का भी जिक्र किया और कहा कि मुस्लिम बहुल इस देश में कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक मुक्त रूप से नहीं रह सकता, ना ही अपने धर्म का आचरण कर सकता है।

 

उन्होंने कहा पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के धार्मिक आचरण को लेकर उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। ईसाई समुदाय के साथ भी बुरा सलूक किया जा रहा है। उसे अक्सर ही ईशनिंदा कानून के जरिये निशाना बनाया जा रहा है।'' भारतीय राजनयिक ने यह भी कहा, ‘‘सेना या न्यायपालिका का मजाक उड़ाने वालों के लिए पांच साल जेल की सजा का प्रावधान करने वाला एक विधेयक अभी पाकिस्तान की संसद के पटल पर है।''  


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Content Writer

Tanuja

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