अब UPI पेमेंट के भी लगेंगे पैसे? इस बैंक ने बदला नियम, जानिए किस पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 11:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क: डिजिटल इंडिया की इस दौड़ में हम सभी के लिए UPI (Unified Payments Interface) एक वरदान साबित हुआ है। चाहे सब्ज़ी वाले से पेमेंट करना हो या मॉल में शॉपिंग करनी हो, बस मोबाइल निकाला, QR स्कैन किया और हो गया पेमेंट - वो भी बिना किसी चार्ज के। लेकिन अब शायद यह सुविधा उतनी "फ्री" नहीं रहने वाली है जितनी अब तक रही है। ICICI बैंक ने अपने नए नियमों के तहत कुछ UPI ट्रांजैक्शनों पर चार्ज वसूलने की शुरुआत कर दी है। हालांकि आम ग्राहकों को अभी राहत है लेकिन इसका असर धीरे-धीरे उनके ऊपर भी आ सकता है।
क्या बदले हैं ICICI बैंक के नियम?
ICICI बैंक ने UPI पेमेंट्स के लिए नए चार्ज स्ट्रक्चर का ऐलान किया है जो खासतौर पर पेमेंट एग्रीगेटर्स (जैसे की Razorpay, PhonePe, Paytm for Business आदि) पर लागू होगा। पेमेंट एग्रीगेटर्स वो कंपनियां होती हैं जो व्यापारियों और ग्राहकों के बीच डिजिटल पेमेंट्स को आसान बनाती हैं।
ICICI बैंक ने UPI ट्रांजैक्शन पर नया चार्ज स्ट्रक्चर लागू किया है, जो खासतौर पर पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लागू होगा। इसके तहत जिन एग्रीगेटर्स का एस्क्रो अकाउंट ICICI बैंक में है, उनसे प्रति ट्रांजैक्शन 0.02% तक का शुल्क लिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा ₹6 तय की गई है। वहीं, जिनका एस्क्रो अकाउंट किसी अन्य बैंक में है, उनसे प्रति ट्रांजैक्शन 0.04% तक, अधिकतम ₹10 का शुल्क वसूला जाएगा। हालांकि यदि किसी व्यापारी (मर्चेंट) का ICICI बैंक में सक्रिय खाता है, तो उस पर कोई चार्ज लागू नहीं होगा। यह स्पष्ट किया गया है कि यह शुल्क ग्राहकों पर नहीं, बल्कि केवल उन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स या पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों से लिया जाएगा जो व्यापारियों और ग्राहकों के बीच भुगतान की प्रक्रिया को संभालते हैं।
बैंक ऐसा क्यों कर रहे हैं?
बैंक का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करने में एक निश्चित लागत आती है, जैसे कि सर्वर खर्च, सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) को भुगतान। अभी तक ये खर्च बैंक खुद उठाते थे। लेकिन अब RBI और NPCI भी मानते हैं कि UPI को पूरी तरह फ्री बनाए रखना लंबी अवधि में संभव नहीं है। इसलिए एक सस्टेनेबल मॉडल की ओर बढ़ना ज़रूरी हो गया है, जहां यह खर्च कुछ हद तक एग्रीगेटर्स या मर्चेंट्स से वसूला जाए।
किस पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर ई-कॉमर्स कंपनियों, ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों पर पड़ेगा। जैसे-जैसे ये कंपनियां ICICI बैंक को फीस चुकाएंगी, वैसे-वैसे उनकी लागत बढ़ेगी। अब सवाल यह है कि क्या ये कंपनियां यह बढ़ी हुई लागत खुद उठाएंगी या फिर इसका बोझ धीरे-धीरे ग्राहकों पर डालेंगी। यानी संभव है कि भविष्य में डिजिटल पेमेंट पर कुछ चार्ज आपके बिल में जुड़ जाए।
अभी ग्राहकों को कितनी राहत?
फिलहाल आम ग्राहक यानी जो व्यक्ति अपनी पर्सनल UPI ID से QR कोड स्कैन करके पेमेंट करता है, उससे किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा। इसका मतलब है कि आप अभी भी अपने सब्ज़ी वाले, दूध वाले या किराना स्टोर पर फ्री में पेमेंट कर सकते हैं। लेकिन अगर आप कोई डिजिटल सर्विस इस्तेमाल करते हैं जैसे कि ऑनलाइन खाना मंगवाना या मोबाइल रीचार्ज करना, तो इन कंपनियों द्वारा लगाई गई अतिरिक्त फीस आने वाले समय में आपको झेलनी पड़ सकती है।