22 दिन में 6 बच्चों की मौत, राजस्थान में भी हुआ एक शिकार, जानें क्या कफ सिरप बन रहा बच्चों का जानलेवा दुश्मन?
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 09:54 AM (IST)

नेशनल डेस्क। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान के सीकर से आई चिंताजनक खबरों ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है। छिंदवाड़ा में पिछले 22 दिनों के भीतर छह बच्चों की मौत हो गई है जबकि सीकर में भी एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। डॉक्टरों के अनुसार सभी मामलों में बच्चों की किडनी फेल होने की शिकायत थी। आशंका जताई जा रही है कि कुछ खास ब्रैंड के कफ सिरप इसका कारण हो सकते हैं क्योंकि बीमार बच्चों में शुरुआत में सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण थे।
छिंदवाड़ा में 4 से 26 सितंबर के बीच 6 मौतें
एक अधिकारी ने बताया कि 4 से 26 सितंबर के बीच छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से छह मासूमों की जान चली गई।
पीड़ित परिवारों का दर्द: परिवारों का कहना है कि बच्चों को पहले सामान्य जुकाम और बुखार हुआ लेकिन जल्द ही उनकी किडनी खराब हो गई।
जांच शुरू: छिंदवाड़ा के सीएमएचओ डॉ. नरेश गुन्नाडे ने पुष्टि की कि मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार की विशेषज्ञ टीमें जांच के लिए बुलाई गई हैं। उन्होंने बताया कि तीन बच्चों की मौत इलाज के दौरान नागपुर में हुई जबकि बाकी छिंदवाड़ा में।
सैंपल भेजे गए: बच्चों के इलाज में इस्तेमाल हुए पानी, दवाओं और अन्य सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है।
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संदिग्ध कफ सिरप पर लगी रोक
डॉ. गुन्नाडे ने बताया कि मृतक बच्चों के घरों से कुछ खास कफ सिरप मिले हैं। एहतियात के तौर पर इन दवाओं पर अस्थायी रोक लगा दी गई है और उनकी बिक्री तुरंत बंद करवा दी गई है। वर्तमान में पांच अन्य बीमार बच्चों को नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
जिला प्रशासन और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि भोपाल और दिल्ली से आई विशेषज्ञ टीम जांच कर रही है। पुणे की लैब से मिली शुरुआती रिपोर्ट में वायरल संक्रमण की संभावना को खारिज किया गया है। कलेक्टर ने अभिभावकों को चेतावनी दी है कि वे बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप न दें।
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राजस्थान में भी एक मौत: 19 बैच बैन
छिंदवाड़ा के अलावा राजस्थान के सीकर जिले में भी एक बच्चे की मौत को कफ सिरप से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी के मद्देनजर राजस्थान मेडिकल कॉर्पोरेशन ने 19 बैच के सिरप की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है। डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दावे को बताया निराधार
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इस दावे को निराधार बताया है कि बच्चों की मौत कफ सिरप से हुई है। उन्होंने कहा कि नमूनों को जांच के लिए आईसीएमआर (ICMR) और नागपुर की लैब में भेजा गया है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएंगे।