उमस से बढ़ रही चिड़चिड़ाहट और थकान, एक्सरसाइज और ज्यादा पानी पीने से होगा बचाव

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2024 - 04:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बीते कुछ दिनों से ज्यादातर लोग उमस के चलते परेशान हैं। आखिर ऐसा क्यों है कि हम भयंकर गर्मी सहन कर जाते हैं, पर थोड़ी सी भी उमस हमें चिड़चिड़ा बना देती है, थकान बढ़ा देती है। एक्सपर्ट कहते हैं यह सिर्फ एहसास नहीं है, ह्युमिडिटी या उमस भरा मौसम शरीर के लिए कठिन होता है। ज्यादा नमी शरीर को प्रभावी रूप से ठंडा होने से भी रोक सकती है, इससे चिपचिपाहट व असहजता महसूस होती है, वहीं गर्मी ज्यादा असहनीय हो जाती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि सीओपीडी जैसी समस्या से जूझ रहे लोग ज्यादा परेशान हो सकते हैं। कैसे निपट सकते हैं समस्या से, पढ़िए...

भयावह क्यों लगती है ?
पेन मेडिसिन में इमरजेंसी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. एंथनी माजेओ कहते हैं, शरीर ज्यादा गर्म होता. है, तो यह त्वचा की सतह पर पानी और नमक का मिश्रण भेजता है। यह पसीने के रूप में बाहर निकलता है। इसके वाष्पीकरण से ठंडक महसूस होती है। डॉ. माजेओ कहते हैं कि इस स्थिति में हवा पहले से ही नमी से भरी रहती है, यह पसीने को वाष्पित होने से रोकती है। इस प्रक्रिया के रुकने से शरीर ठंडा नहीं हो पाता व ज्यादा पसीना बहाता हैं। मिलर स्कूल क्लिनिकल मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरी अग्रवाल कहती हैं, इससे थकावट और कमजोरी हो सकती है। आप जितना ज्यादा पसीना बहाते हैं, उतना ही डिहाइड्रेट होते हैं। यह बेचैनी बढ़ा देता है।

वर्कआउट का समय बदलें
वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. काइल एनफील्ड के मुताबिक इस मौसम में तेज गतिविधि शरीर को ज्यादा गर्म कर सकती है। वॉक, साइकिलिंग या वर्कआउट का समय बदल दें। सुबह या शाम को मौसम ठंडा होने पर वर्कआउट कर सकते हैं।

खुद को करें अनुकूलित
प्रो. लैरी केनी कहते हैं कि मौसम के अनुकूल होने के लिए, गर्मी के दिनों में बाहर जाकर हल्की-फुल्की गतिविधि कर सकते हैं। जैसे 10-15 मिनट के लिए टहलना। हल्का वर्कआउट कर सकते हैं। अगले दिन फिर इसे दोहराएं। केनी कहते हैं कि औसत व्यक्ति को हीट टॉलरेंस बढ़ाने के लिए नौ से से 14 बार इस माहौल के संपर्क में रहना पड़ता है।

वेंटिलेशन सही रखें
न्यूयॉर्क-प्रेस्बिटेरियन में इमरजेंसी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. राहुल शर्मा कहते हैं हवा का फैलाव सही रखें। एसी इस्तेमाल करें। एसी न हो तो पंखे के सामने ठंडा पानी रखें। इससे ठंडी हवा फैलती है, पसीना सूखता रहता है। डॉ. शर्मा कहते हैं, शिशु, बुजुर्गों के अलावा डायबिटीज और दिल के रोगियों का ध्यान रखें। छाया में रहें। चक्कर आएं, भ्रम हो या शब्द उच्चारण गड़बड़ लगे तो डॉक्टर से सलाह लें।

'पानी ज्यादा पीते रहें...'
प्यास लगने से पहले पानी पीते रहें। डॉ. गौरी कहती हैं, इससे डिहाइड्रेशन रोकने में मदद मिलती है। जूस और ज्यादा पानी वाली चीजें लेते रहें, इससे फ्लूड का स्तर सही रहता है।


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Content Editor

Harman Kaur

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