आयरन लेडी ने दो देशों के तनाव को लेकर दिया कुछ ऐसा बयान

punjabkesari.in Saturday, Oct 01, 2016 - 07:15 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने शनिवार को कहा कि सीमा के दोनों तरफ से युद्धोन्माद फैलाने की कोई जरूरत नहीं है। शर्मिला ने जोर देकर कहा कि आक्रमण से नहीं बल्कि बातचीत से ही हमेशा के लिए शांति हासिल की जा सकती है।  

युद्धोन्माद न फैलाएं: इरोम
शर्मिला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों तरफ हिंदू और मुस्लिम परिवार रह रहे हैं, और मुझे समझ नहीं आता कि दुश्मनी या झगड़ा क्यों होना चाहिए। भारत और पाकिस्तान दोनों में से किसी भी तरफ से युद्धोन्माद नहीं फैलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई आक्रमकता या यह दिखाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए कि कौन ज्यादा शक्तिशाली या समझदार है। 

मैं प्रधानमंत्री होती तो करती लोगों को शांत: शर्मिला
उन्होंने कहा कि हम बातचीत के जरिए शांति के लिए काम करना चाहिए...यदि मैं प्रधानमंत्री होती तो मैं सिर्फ यह कहती कि लोगों को शांत हो जाना चाहिए। मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की अपनी मांग दोहराई और इसे दमनकारी करार देते हुए कहा कि यह भारत जैसे लोकतंत्र के विचार के खिलाफ हैं। 

अफ्सपा को लेकर किया था अनशन
44 साल की शर्मिला मणिपुर के मलोन में वर्ष 2000 में हुई फायरिंग की घटना को याद करके संवाददाता सम्मेलन के बीच में ही रोने लगी। इस घटना में 10 लोगों को गोलियों से भून डाला गया था। शर्मिला ने इसी वजह से करीब 16 साल तक आमरण अनशन किया था। उन्होंने  कि लोगों की संवेदनाओं का ध्यान रखते हुए संविधान में नियमित तौर पर संशोधन का सुझाव भी दिया। 


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