SBI की नई एफडी योजनाओं से निवेशकों को होगा फायदा, अमृत वृष्टि योजना में 7.05% तक ब्याज

punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 03:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक SBI, ने 15 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली अपनी एफडी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। इस निर्णय से उन सभी ग्राहकों को असर पड़ा है जो SBI में अपनी रकम एफडी के रूप में निवेश करते हैं। 

ब्याज दरों में 10 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती

SBI ने 1 से 3 साल तक की अवधि के लिए ब्याज दरों में 10 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की है। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह कटौती सामान्य ग्राहकों और वरिष्ठ नागरिकों दोनों के लिए लागू होगी। इसके अलावा, SBI ने 444 दिनों की अवधि के लिए अपनी विशेष "अमृत वृष्टि" एफडी योजना को फिर से शुरू किया है। इस योजना में भी ब्याज दरों में कुछ संशोधन किए गए हैं।

SBI की नई एफडी ब्याज दरें

SBI अब 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए 3.50% से लेकर 6.90% तक ब्याज दरें प्रदान करेगा। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दरें 4% से लेकर 7.50% तक होंगी। विशेष एफडी योजनाओं के तहत, 1 साल से लेकर 2 साल तक की एफडी के लिए ब्याज दरों में थोड़ी कमी की गई है। 1 साल से लेकर 2 साल तक की अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए ब्याज दर 7.30% से घटाकर 7.20% कर दी गई है, जबकि 2 से 3 साल तक की एफडी पर ब्याज दर 7.50% से घटाकर 7.40% कर दी गई है। 

अमृत वृष्टि" योजना में भी बदलाव

एसबीआई ने अपनी विशेष "अमृत वृष्टि" एफडी योजना को फिर से शुरू किया है। इस योजना में ब्याज दरों को 20 बेसिस प्वाइंट्स घटाकर 7.05% प्रति वर्ष कर दिया गया है। यह योजना अब सामान्य नागरिकों के लिए 444 दिनों की अवधि में लागू होगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस योजना के तहत ब्याज दरों में और भी आकर्षक छूट दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों को अब 7.55% प्रति वर्ष की दर से एफडी ब्याज मिलेगा, जो पहले 7.75% था। 

समीक्षा और प्रभाव

यह बदलाव विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने पैसे को सुरक्षित और उच्च ब्याज दरों के साथ निवेश करने के लिए बैंक एफडी का सहारा लेते हैं। हालांकि ब्याज दरों में कमी से निवेशकों को थोड़ी निराशा हो सकती है, लेकिन एसबीआई द्वारा शुरू की गई "अमृत वृष्टि" योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। 

निवेशकों के लिए सुझाव

बैंक एफडी एक सुरक्षित निवेश विकल्प होता है, लेकिन ब्याज दरों की कमी के कारण निवेशक विभिन्न अन्य विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। मुद्रास्फीति के बढ़ते प्रभाव और ब्याज दरों में कमी के बावजूद, एफडी अब भी एक स्थिर और बिना जोखिम वाला निवेश माना जाता है। निवेशकों को अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्य के अनुसार सही विकल्प चुनना चाहिए। SBI के इस निर्णय के बाद, यह देखा जाएगा कि अन्य बैंकों द्वारा भी ब्याज दरों में परिवर्तन किया जाता है या नहीं, जिससे भारतीय वित्तीय क्षेत्र में और अधिक बदलाव आ सकते हैं।


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News Editor

Rahul Rana

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