FB-Insta Ban: इस देश में बैन होने जा रहे हैं इंस्टाग्राम, फेसबुक और टिकटॉक, जानें क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 09:51 AM (IST)

नेशनल डेस्क। ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगने जा रहा है। एक नए कानून के तहत 10 दिसंबर से 16 वर्ष से कम आयु के बच्चे फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), टिकटॉक, स्नैपचैट, रेडिट और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। संघीय सरकार ने इन कंपनियों को 10 दिसंबर तक इन खातों को हटाने का निर्देश दिया है। यह प्रतिबंध इतना सख्त है कि माता-पिता की अनुमति से भी बच्चे इन प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?
यह फैसला देशभर में बहस का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों का एक समूह जहां इसके खिलाफ है वहीं दूसरा समूह इसका समर्थन कर रहा है। प्रतिबंध लगाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया की लत और इसके हानिकारक प्रभावों से बचाना है। यह माना जा रहा है कि सोशल मीडिया की लत के कारण बच्चे वास्तविक जीवन में मिलने वाली खुशियों और सामाजिक मेलजोल से दूर होते जा रहे हैं।
दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे खुद को व्यक्त करते हैं और सामाजिक जुड़ाव महसूस करते हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
माता-पिता के लिए 5 अहम सुझाव
विशेषज्ञों ने माता-पिता को इस बदलाव के लिए बच्चों को तैयार करने के लिए पांच महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
➤ तुरंत करें शुरुआत: 10 दिसंबर का इंतज़ार न करें। अभी से बच्चों के साथ इस बारे में बात करना शुरू करें कि यह प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है।
➤ धीरे-धीरे स्क्रीन टाइम घटाएं: एक झटके में सोशल मीडिया से दूरी बनाना बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है। धीरे-धीरे उनके स्क्रीन टाइम को कम करें जैसे हर हफ़्ते 25% कम।
➤ विकल्प दें सिर्फ हटाएं नहीं: सोशल मीडिया के बदले बच्चों को सामूहिक गतिविधियों, खेलों, कला, संगीत या अन्य रचनात्मक कार्यों में शामिल करें।
➤ ऑफलाइन रिश्तों को बढ़ावा दें: बच्चों को प्रेरित करें कि वे अपने दोस्तों से आमने-सामने मिलें और सामाजिक समूहों में भाग लें।
➤ खुद उदाहरण बनें: माता-पिता को भी अपना स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए। जब आप खुद सोशल मीडिया से दूरी बनाएंगे तो बच्चे भी आपसे सीखेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिबंध बच्चों को डिजिटल और वास्तविक जीवन के बीच संतुलन बनाना सिखाने का एक अच्छा मौका है। हालांकि इसे लागू करना आसान नहीं होगा लेकिन समय रहते तैयारी करने से इसका असर कम किया जा सकता है।