DA Hike News: जनवरी 2026 से कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी... DA और फिटमेंट फैक्टर में बड़ा बदलाव
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 12:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बढ़ती महंगाई और स्थिर वेतन के बीच नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत का नाम है – महंगाई भत्ता (Dearness Allowance)। यह भत्ता हर छह महीने में केंद्र सरकार द्वारा संशोधित किया जाता है ताकि कर्मचारियों की सैलरी बाजार में बढ़ती कीमतों के अनुसार संतुलित रह सके। लेकिन अब यह भत्ता केवल तात्कालिक राहत नहीं, बल्कि 2026 में लागू होने वाले संभावित 8वें वेतन आयोग की नींव भी बनने वाला है। हाल ही में जारी किए गए जुलाई 2025 के AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) के आंकड़े इस दिशा में महत्वपूर्ण संकेत दे रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
सरकार हर छमाही AICPI-IW के आंकड़ों के आधार पर DA की दर तय करती है। जुलाई 2025 के आंकड़े में इंडेक्स 1.5 अंक की बढ़त के साथ 146.5 पर पहुंच गया है, जो सिर्फ अगली DA बढ़ोतरी का नहीं, बल्कि 8वें वेतन आयोग के फॉर्मूले का आधार भी बन सकता है।
वित्तीय मामलों के जानकार HS तिवारी के मुताबिक, यह आंकड़ा न केवल DA में बढ़ोतरी का संकेत देता है, बल्कि इससे फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन भी निर्धारित किए जा सकते हैं, जैसा कि 2016 में 7वें वेतन आयोग के समय हुआ था।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर? क्यों है इतना अहम?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) होता है जिससे आपकी वर्तमान बेसिक सैलरी को गुणा किया जाता है, ताकि नई सैलरी तय की जा सके।
7वें वेतन आयोग में यह 2.57 रखा गया था।
इसका मतलब था: पुराने बेसिक पे + DA को जोड़कर कुल सैलरी में लगभग 14.2% की बढ़ोतरी।
अब यदि 8वें वेतन आयोग में AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर DA की दरें अधिक होंगी, तो फिटमेंट फैक्टर भी बड़ा हो सकता है, जिससे आपकी बेसिक सैलरी में तगड़ी बढ़ोतरी संभव है।
कैसे जुड़ा AICPI-IW नए वेतन आयोग से?
जुलाई 2025 का इंडेक्स: 146.5
यह दर जनवरी 2026 से लागू होने वाले DA को प्रभावित करेगी।
उसी आधार पर वेतन आयोग की रिपोर्ट में नया फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा।
महत्वपूर्ण बात: नया वेतन आयोग लागू होते ही DA की दर रीसेट (0%) हो जाती है, लेकिन मौजूदा डेटा नए वेतन फॉर्मूले का आधार जरूर बनते हैं।
सरकार की तैयारी कहां तक पहुंची?
फिलहाल सरकार ने 8वें वेतन आयोग की ‘Terms of Reference’ या उसके अध्यक्ष की नियुक्ति का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। इस देरी के चलते रिपोर्ट और सिफारिशों के आने में अभी वक्त लग सकता है, लेकिन वित्त मंत्रालय और लेबर ब्यूरो के स्तर पर तैयारियां अंदरखाने जारी हैं।