900 साल लंबे सूखे ने मिटाए सिंधु घाटी सभ्यता के निशान

punjabkesari.in Monday, Apr 16, 2018 - 08:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी सभ्यता के अंत होने का पता लगाया है। उन्होंने करीब 4350 साल पहले खत्म हुई सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह बने सूखे की अवधि का पता लगाया है। उनके शोध के अनुसार यह सूखा कुछ वर्ष या कुछ दशक का नहीं था बल्कि पूरे 900 साल तक रहा था। वैज्ञानिकों ने उस परिभाषा को भी गलत साबित कर दिया, जिसमें सूखे के 200 साल में खत्म हो जाने की बात कही गई थी।

सिंधु घाटी में 900 साल तक रहा सूखा
जियोलॉजी और जियो विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले 5 हजार साल के दौरान मानसून के अध्याय को पढ़ा और पाया कि करीब 900 साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई। जो नदियां बारिश के कारण भरी रहती थीं, वह भी सूख गईं। इन्हीं नदियों के किनारे बसती थी सिंधु घाटी सभ्यता। नदियों में पानी के खत्म होने से लोग पूरब और दक्षिण की तरफ चले गए जहां अच्छी बारिश होती थी।

रिचर्स में पाया गया कि 4350 साल पहले सिंधु सभ्यता वाले इलाके में मानसून कमजोर होने लगा था और धीर-धीरे सूखा पड़ने लगा था। जिस कारण लोगों ने अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों का रुख किया।

गौरतलब है कि सिंधु नंदी के पास बसने के कारण ही इस सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता का नाम दिया गया था और इसके निशान रावी, चिनाब, व्यास और सतलज नदी के किनारे भी मिलते हैं। इन घाटियों से लोगों ने पलायन कर गंगा-यमुना घाटी की ओर केंद्रीय उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, विध्यांचल और गुजरात चले गए। 


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Yaspal

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