आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार होगी भारत पाक के सिंधु आयुक्तों की बैठक

punjabkesari.in Thursday, Mar 18, 2021 - 02:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों की यहां 23 और 24 मार्च को मुलाकात होगी जिस दौरान चिनाब नदी पर भारत की जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर इस्लामाबाद की चिंताओं सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा होगी। यह स्थाई सिंधु आयोग की सालाना बैठक होगी। सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत दोनों आयुक्तों को वर्ष में कम से कम एक बार क्रमवार तरीके से भारत और पाकिस्तान में मुलाकात करना होता है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद कमिटी की यह पहली मीटिंग है। 

 

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भारत के सिंधु आयुक्त पी के सक्सेना ने बताया कि यह बैठक 23 और 24 मार्च को नयी दिल्ली में होगी।'' यह बैठक जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने और राज्य को दो केन्द्र शासित क्षेत्रों -लद्दाख और जम्मू कश्मीर में विभाजित किए जाने के बाद पहली बार आयोजित हो रही है। इसके बाद से भारत ने लद्दाख में कई जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें लेह के लिए दुर्बुक श्योक (19 मेगावॉट),शांकू (18.5 मेगावॉट),निमू चिलिंग (24 मेगावॉट),रोंगडू (12 मेगावॉट), रतन नाग (10.5 मेगावॉट) वहीं करगिल के लिए मंगदुम संग्रा (19 मेगावॉट), करगिल हुंदेरमन (25 मेगावॉट) और तमाशा (12 मेगावॉट) परियोजनाएं शामिल हैं। 

 

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भारत ने पाकिस्तान को इन परियोजनाओं के बारे में जानकारी दे दी है और माना जा रहा है कि बैठक के दौरान इन पर चर्चा हो सकती है। सक्सेना ने बताया कि चिनाब नदी पर भारत की जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर इस्लामाबाद की चिंताओं पर बातचीत की जाएगी। इससे पहले यह बैठक मार्च 2020 में होनी थी लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। संधि पर हस्ताक्षर के बाद यह पहली बार है जब बैठक को रद्द किया गया था। 

 

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भारत ने जुलाई 2020 में पाकिस्तान को सिंधु जल संधि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए डिजिटल माध्यम से बैठक का प्रस्ताव दिया था लेकिन पाकिस्तान अटारी सीमा चौकी पर ही बैठक करने पर अड़ा हुआ था। सक्सेना ने कहा कि स्थिति में सुधार के बाद यह बैठक आयोजित की जा रही है , इसमें कोविड संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। इस समझौते के प्रावधानों के अनुसार पूर्वी नदियों- ब्यास, रावी और सतलुज के जल पर भारत का, तथा पश्चिमी नदियों - सिंधु, चिनाब और झेलम के जल पर पाकिस्तान का अधिकार है। 
 


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Vaneet

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